वर्धा। महाराष्ट्र के वर्धा जिले के पुलगांव में बने देश के सबसे बड़े हथियार डिपो में लगी भीषण आग पर काबू पा लिया गया है। बताया जा रहा है कि आग बीती रात करीब 1.30 बजे से 2 बजे के बीच लगी थी। भीषण आग में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। ताजा जानकारी के मुताबिक सेना के दो अधिकारी और डीएसी के 17 जवान घायल हैं। घायलों को वर्धा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हालात का जायजा लेने पुलगांव पहुंचे रक्षा मंत्री ने घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि आग की वजह का पता सेना की जांच के बाद पता चलेगा।
पुलगांव आयुध हादसे पर पीएम ने दुख जताया। ट्वीट कर उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिवारों के साथ है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को पूरी मदद करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार अपनी तरफ से हरसंभव सहायता मुहैया करा रही है।
वर्धा के सांसद रामदास ताडस ने कहा कि घायलों को उचित इलाज मुहैया कराया जा रहा है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर आज हथियार डिपो का निरीक्षण करेंगे।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलगांव हादसे पर दुख जताया।
अब तक क्या हुआ ?
- डिपो से अभी भी रुक-रुक कर धमाकों की आवाज आ रही है। - वर्धा और आसपास के अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। - अधिकारियों के मुताबिक एम्युनिशन डिपो के एक शेड में आग लगी है। जहां से आग शुरू हुई थी उसे बुझा लिया गया है। - अधिकारियों ने कुछ और जगहों पर आग भड़के और धमाकों की आशंका से इंकार नहीं किया है। - आग के कारणों का पता लगाने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम(एसआईटी) बना दी गई है। - बता दें पुलगांव का सेंट्रल एम्युनिशन डिपो देश के सबसे बड़े गोलाबारूद और हथियार डिपो में से एक है।
- रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर आज पुलगांव डिपो का दौरा करेंगे।
लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया
करीब 1000 गांव वालों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले सकते है। नागपुर से पुलगांव पुहंचने में 1 घंटा लगता है।
भारत का सबसे बड़ा हथियार डिपो
वर्धा जिले के पुलगांव में स्थित यह केंद्रीय आयुध भंडार (सीएडी) देश के बड़े आयुध भंडारों में से एक है। निकट के कई आयुध कारखानों से हथियार उत्पादन के बाद इस डिपो में रखे जाते हैं। जिन्हें बाद में आवश्यकतानुसार जरूरत की जगहों पर भेजा जाता है। ब्रम्होस मिसाइल से लेकर एके 47 जैसे हथियार एवं गोला-बारूद इस आयुध भंडार में रखे जाते हैं। अपनी निर्धारित अवधि पार कर चुके हथियारों को नष्ट करने का काम भी इसी आयुध डिपो द्वारा किया जाता है। अर्थात बेकार हो चुके हथियारों का भी बड़ा भंडार यहां रहता है। सुरक्षा की दृष्टि से इस आयुध भंडार के चारों ओर एंटी टैंकर माइन्स बिछाए गए हैं। करीब 10,000 एकड़ में फैले इस हथियार डिपो में आज रात करीब डेढ़ बजे आग लगी और विस्फोट शुरू हो गए। आग बुझाने के प्रयत्न तुरंत शुरू कर दिए गए थे। बीच-बीच होते रहे विस्फोटों के कारण आग बुझाने में दिक्कतें आईं। खबर लिखे जाने तक आग पर काबू पाया जा चुका है। वर्धा के जिलाधिकारी शैलेश नवल के अनुसार आग लगने के कुछ देर बाद ही आयुध भंडार के निकट स्थित पांच गांवों को तुरंत खाली करा लिया गया था। लेकिन ख़तरा टलते देख अब गांव के लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। दोपहर बाद वह स्वयं घटनास्थल पर पहुंचनेवाले हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए स्थानीय प्रशासन को हरसंभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है।