शहीद हेमराज की मां और पत्नी की हालत बिगड़ी
लगातार पांच दिन से खाना छोड़ चुकीं शहीद हेमराज की मां मीना देवी और पत्नी धर्मवती की हालत रविवार सुबह बिगड़ गई। स्थानीय डॉक्टर ने दोनों का प्राथमिक उपचार किया। इसकी भनक लगते ही सरकारी टीम भी दौड़ी। दोनों का ब्लड प्रेशर सामान्य पाया गया, लेकिन डिहाइड्रेशन के चलते कमजोरी के कारण वे बेहोशी की हालत में आ गई थीं। गांव में ही इनका इलाज चल रहा है।
मथुरा [जागरण संवाददाता]। लगातार पांच दिन से खाना छोड़ चुकीं शहीद हेमराज की मां मीना देवी और पत्नी धर्मवती की हालत रविवार सुबह बिगड़ गई। स्थानीय डॉक्टर ने दोनों का प्राथमिक उपचार किया। इसकी भनक लगते ही सरकारी टीम भी दौड़ी। दोनों का ब्लड प्रेशर सामान्य पाया गया, लेकिन डिहाइड्रेशन के चलते कमजोरी के कारण वे बेहोशी की हालत में आ गई थीं। गांव में ही इनका इलाज चल रहा है।
बुधवार की सुबह हेमराज के शहीद होने की खबर मिलने के बाद से मीना और धर्मवती तमाम कोशिशों के बाद भी खाना नहीं खा रही हैं। रविवार की सुबह दोनों की हालत बिगड़ गई। स्थानीय चिकित्सक द्वारा उपचार की खबर मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी कोसी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉ. मोहित बंसल की टीम भेजी और उपचार शुरू किया। डॉक्टर बंसल ने बताया कि पांच दिनों से खाना न खाने के कारण डिहाइड्रेशन की शिकायत है। ड्रिप के जरिये ग्लूकोज और अन्य जरूरी दवाएं दी जा रही हैं।
जयंत पर फूटा शहीद के गांव का गुबार
कोसी [मथुरा]। भारत-पाक सीमा पर शहीद हुए हेमराज की श्रद्धांजलि सभा में रविवार को खैरार गांव पहुंचे रालोद सांसद जयंत चौधरी पर लोगों के गुस्से का जमकर गुबार निकला। लोगों ने उन्हें आड़े हाथ लिया, ताने दिए और जयंत के पिता अजित सिंह को भी कठघरे में में खड़ा किया। जयंत को सबके बीच में खड़े होकर सफाई देनी पड़ी।
जयंत के साथ रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान भी थे। सबसे पहले उन्होंने शहीद की पत्नी धर्मवती और मां मीना देवी का हालचाल लिया। जब मालूम हुआ कि पांच दिनों से खाना नहीं खाया है तो उन्होंने दूध का गिलास मंगाकर धर्मवती को पिलाने की कोशिश की। बेसुध होने के कारण वह एक भी घूंट नहीं पी सकीं।
जयंत जैसे ही शोकसभा स्थल पर पहुंचे तो वहां मौजूद लोग उन पर बिफर गए। हेमराज के ताऊ ससुर रघुनाथ ने तो मानो मोर्चा संभाल लिया हो। बोले, आज फुरसत मिली है यहां आने की। तुम्हारे घर का सैनिक शहीद हुआ है और तुम मौज कर रहे हो। सांसद ने टोका कि वे विदेश में थे। तत्काल बात काटी और कहा कि विदेश से आ नहीं सकते थे? आपके पिता अजित सिंह को भी अपने भाइयों की सुध नहीं है। उन्हें भी विदेश से आने की फुरसत नहीं मिली है। जो कुछ भी कहना हो, खुलकर कहो।
शहीद को नमन करने के बाद जयंत ने सफाई दी कि वे अति आवश्यक कार्य से बाहर गये थे। जैसे ही मौका मिला, यहां चले आये। अब वे हर संभव मदद को तैयार हैं। क्षेत्र के विकास के लिए भी कटिबद्ध हैं।
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