चार साल बैकफुट पर रहे नक्सलियों ने फिर उठाया सिर, हत्या का ग्राफ 76 पहुंचा
बस्तर में नक्सली घटनाओं पर नियंत्रण के लिए चार साल पहले खुफिया तंत्र दुस्त करने की कवायद शुरू की गई थी। वर्तमान डीजीपी डीएम अवस्थी के पास जब तक नक्सल मोर्चे की कमान रही नक्सली नियंत्रण में रहे। वह बाइक से नक्सली इलाकों में पहुंच जाते थे।
जगदलपुर, अनिल मिश्रा। बस्तर में चार साल बैकफुट पर रहे नक्सली एक बार फिर सिर उठा रहे हैं। दहशत का साम्राज्य स्थापित करने के लिए ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद डेढ़ साल तक तो सब ठीक रहा पर अब नक्सल मोर्चे पर सरकार की किरकिरी होने लगी है। फोर्स में शामिल अफसर भी दबी जुबान से कहने लगे हैं कि नक्सल मोर्चे पर राज्य सरकार के स्तर पर कोई योजना नहीं है।
बीजापुर जिले में नक्सली इसी महीने एक एएसआइ, वन विभाग के रेंजर समेत 17 लोगों की हत्या कर चुके हैं। इन हत्याओं की ससमय सूचना भी पुलिस के पास नहीं पहुंच पा रही। लोग दहशत में हैं और नक्सली मुख्य सड़कों तक आकर पोस्टर लगा रहे हैं। उनके बढ़ते हौसले की खबर दिल्ली तक है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार के अधिकारी भी छत्तीसगढ़ के आला अफसरों से चर्चा कर चिंता जता चुके हैं। बीते सप्ताहांत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बस्तर में बढ़ते नक्सली आतंक पर चर्चा में यह बात सामने आई कि अगस्त तक नक्सली 59 लोगों की हत्या कर चुके थे। अब आंकड़ा 76 पर पहुंच चुका है।
बस्तर में नक्सली घटनाओं पर नियंत्रण के लिए चार साल पहले खुफिया तंत्र दुस्त करने की कवायद शुरू की गई थी। वर्तमान डीजीपी डीएम अवस्थी के पास जब तक नक्सल मोर्चे की कमान रही नक्सली नियंत्रण में रहे। वह बाइक से नक्सली इलाकों में पहुंच जाते थे। उन्होंने एसआइबी (स्टेट इंटेलीजेंस ब्यूरो) को मजबूत किया। पुलिस के सक्षम जवानों की टीम तैनात की। एसआइबी की सूचना पर फोर्स संदिग्ध इलाकों में दबिश देने लगी। 2018 के विधानसभा चुनाव, लोकसभा के चुनाव, उप चुनाव, पंचायत चुनाव सब पहली बार शांतिपूर्ण ढंग से निपटे, लेकिन अब स्थिति बदल रही है।
बिखर रहा सूचना तंत्र
छह महीने पहले अप्रैल में सरकार ने नक्सल डीजी के पद पर अशोक जुनेजा को नियुक्त किया। पहले पांच महीने तो कोरोना के कारण वे बस्तर नहीं पहुंच सके। बीजापुर में हत्याओं के बाद वह एक बार पहुंचे। उनकी निष्क्रियता की चर्चा शुरू हुई, तो वे दोबारा क्षेत्र में पहुंचे पर उसका नक्सलियों पर कोई खास असर नहीं हुआ। फोर्स के पास सूचनाएं अब आ ही नहीं रही हैं।
छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी नक्सलियों को दबाव में रखने की जरूरत है। चार साल की मेहनत से जो माहौल तैयार किया गया था उसे जाया नहीं होने देंगे। मैं खुद जल्द बस्तर जाऊंगा। नक्सल मामले में सख्ती बरती जाएगी।