कोयले की कमी के कारण बिजली संकट से अभी उबर नहीं पाए कई राज्य, दो से छह घंटे तक की हो रही है कटौती
कोयले की कमी के चलते गहराए बिजली संकट से अब भी कई राज्य उबर नहीं पाए हैं। पंजाब उत्तराखंड बिहार व मध्य प्रदेश में समस्या बरकरार है। उत्तराखंड बिहार व मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्थिति गत दिनों की तुलना में कुछ सुधरी है।
नई दिल्ली, जागरण टीम। कोयले की कमी के चलते गहराए बिजली संकट से अब भी कई राज्य उबर नहीं पाए हैं। पंजाब, उत्तराखंड, बिहार व मध्य प्रदेश में समस्या बरकरार है। राहत की बात बस इतनी है कि उत्तराखंड, बिहार व मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्थिति गत दिनों की तुलना में कुछ सुधरी है। हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा व छत्तीसगढ़ में समस्या नहीं है। सबसे विकट स्थिति पंजाब में है। अलग-अलग जिलों में अब भी दो से छह घंटे तक कटौती की जा रही है।
बाजार से बीस रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदनी पड़ी बिजली
पावरकाम ने मंगलवार को 14.06 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से 36.42 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी, लेकिन तब भी करीब दो हजार मेगावाट की कमी रही। इसका प्रभाव आम उपभोक्ताओं और इंडस्ट्री पर पड़ रहा है। उत्तराखंड में भी बिजली खरीदनी पड़ी, फिर भी किल्लत बरकरार रही है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में चार से छह घंटे की कटौती की गई। बिहार में बिजली की आपूर्ति में सुधार तो जरूर हो रहा, पर आपूर्ति की रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी है। सूबे को बाजार से बीस रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदनी पड़ी।
मध्य प्रदेश में मांग के अनुसार बिजली उत्पादन नहीं हो रहा है, इसलिए मंगलवार को भी सेंट्रल ग्रि़ड से ओवर ड्रा की स्थिति बनी रही। हालांकि, जिला और तहसील स्तर पर कोई बिजली संकट नहीं है। ग्रामीण इलाकों में अघोषित बिजली कटौती जरूर हो रही है।
इन राज्यों में है राहत
कोयला संकट के कारण जहां देश के कई राज्यों में बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है, वहीं हिमाचल प्रदेश में बिजली की आपूर्ति अभी तक प्रभावित नहीं हुई है। हिमाचल प्रदेश में बिजली की कटौती नहीं की जा रही है। प्रदेश में वर्तमान में बिजली की मांग 295 लाख यूनिट प्रतिदिन है। बिजली की आपूर्ति भी लगभग इतनी ही है। दिल्ली में बिजली कटौती नहीं हो रही है। ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली सरकार महंगी बिजली खरीदकर दिल्ली के लोगों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति कर रही है। छत्तीसगढ़ में अभी बिजली की कटौती नहीं हो रही है। हरियाणा में कोयला संकट का अभी तक कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। प्रदेश में पिछले दो वषरें में बिजली की जितनी खपत और मांग थी, उससे ज्यादा बिजली सप्लाई फिलहाल की जा रही है।