एमएसएमई के समग्र विकास के लिए सरकार की कई तैयारियां, रजिस्ट्रेशन के भी बदलेंगे नियम
एक जुलाई से एमएसएमई की रजिस्ट्रेशन प्रक्ति्रया पहले के मुकाबले आसान होने जा रही है। सामान बेचने के लिए अमेजन और अलीबाबा जैसे प्लेटफार्म बनाने पर मंथन हो रहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एमएसएमई के समग्र विकास के लिए सरकार कई सकारात्मक बदलाव लाने जा रही है। इनमें एमएसएमई को करोबारी सहूलियत , टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के साथ सामान बेचने के लिए नए मार्केट देने की योजना शामिल है। सरकार एमएसएमई में विदेशी निवेश के प्रवाह को लेकर भी स्कीम ला रही है।
आगामी एक जुलाई से एमएसएमई की रजिस्ट्रेशन प्रक्ति्रया पहले के मुकाबले आसान होने जा रही है। सामान बेचने के लिए अमेजन और अलीबाबा जैसे प्लेटफार्म बनाने पर मंथन हो रहा है। यह खुलासा शनिवार को इंटरनेशनल एमएसएमई डे पर आयोजित कार्यक्त्रम में एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने किया। उन्होंने कहा कि विकास के अवसर आने वाले हैं और एमएसएमई को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं देकर ही गुणवत्ता वाले उत्पाद का निर्माण किया जा सकता है।
चैंबर ऑफ इंडियन माइक्त्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (सीआईएमएसएमई) एवं दैनिक जागरण की तरफ से आयोजित वर्चुअल कार्यक्त्रम में एमएसएमई मंत्रालय के सचिव ए.के. शर्मा, जीईएम (सरकारी ई-मार्केट) के सीईओ तल्लीन कुमार ने भी हिस्सा लिया।
गडकरी ने बताया कि वह एमएसएमई में टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के साथ एमएसएमई के लिए विदेशी पूंजी लाने पर काम कर रहे हैं। बेहतर प्रदर्शन करने वाली कंपनियों के चुनाव के लिए सरकार स्वतंत्र कमेटी गठित करेगी। फिर उन कंपनियों में सरकार निवेश करेगी और उन्हें स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने का मौका मिलेगा। जहां विदेशी कंपनियां उन एमएसएमई कंपनियों में निवेश करेगी।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय एमएसएमई के उत्पाद की मार्केटिंग के लिए अमेजन और अलीबाबा जैसे ई-प्लेटफार्म लाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर इस प्रकार के ई-मार्केट को विकसित किया जा सकता है। जहां पोस्टमैन डिलीवरी मैन का काम कर सकते है।
इस मौके पर एमएसएमई सचिव शर्मा ने बताया कि उद्योग आधार पोर्टल पर एमएसएमई के रजिस्ट्रेशन की प्रक्ति्रया को आगामी एक जुलाई से बिल्कुल सरल बनाया जा रहा है। उद्यमियों को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किसी प्रकार का कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। उन्हें हर साल अपने रजिस्ट्रेशन को रिन्युअल कराने की भी जरूरत नहीं होगी। रजिस्ट्रेशन के दौरान ही एमएसएमई से यह पूछा जाएगा कि क्या वे अपने सामान की बिक्त्री के लिए जेम (सरकारी ई-मार्केट) से जुड़ना चाहते हैं।
सहमति जताने वाले एमएसएमई को जेम पर सामान बेचने के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। कारोबार को आसान बनाने के लिए मंत्रालय पूरी तरह से डिजिटल प्रक्ति्रया अपनाने के साथ तय समय में किसी भी फैसले को लेने का चलन शुरू कर रहा है।
इस मौके पर दैनिक जागरण ने सीआईएमएसएमई के प्रेसिडेंट मुकेश मोहन गुप्ता, टैली साल्यूशन्स के एमडी तेजस गोयनका व ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रवीण खंडेलवाल के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी की और यह सकारात्मक पहलू सामने आया कि केवल सरकार की ओर देखने की बजाय एमएसमई खुद भी आगे बढ़ने को तैयार है।
तीन लाख करोड़ के लोन पैकेज के प्रति उत्साह की कमी पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुकेश मोहन ने कहा कि फिलहाल इसकी जरूरत नहीं है। एमएसएमई जिम्मेदार हैं और वह जानते हैं कि लोन लेने के बाद उन्हें सूद समेत लौटाना है। लिहाजा काम शुरू होने पर जरूर उत्साह दिखेगा। उन्होंने कहा कि सकार ने बहुत कुछ किया है। कुछ सुधारों की जरूरत है जिसमें कानूनी सुधार अहम है।
कार्यक्त्रम में शामिल टैली सोल्यूशन के एमडी तेजस गोयनका ने कहा अभी के समय में एमएसएमई को अवसरवादी होना पड़ेगा और नए आइडिया के साथ काम करना होगा। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि 2001 से 2020 तक माल मंगाने के लिए हमने चीन के अलावा किसी अन्य विकल्प को नहीं तलाशा। एक रात में हम चीन से विमुख नहीं हो सकते हैं। जितनी सुविधाएं चीन में मिलती है उसका 10 फीसद भी हमें दे दे तो हम चीन को परास्त कर सकते हैं।