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मध्य महाराष्ट्र में पिछले 48 घंटों में भारी बारिश से 10 लोगों की मौत

चक्रवाती तूफान गुलाब का असर मुंबई सहित महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में दिखाई दे रहा है। मुंबई ने आज कई दिनों बाद भारी बरसात देखी गई। मराठवाड़ा में लगातार तेज बारिश के कारण पिछले 48 घंटों में 10 लोग मारे गए हैं एवं 200 से ज्यादा पशु बह गए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 07:12 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 07:12 PM (IST)
मध्य महाराष्ट्र में पिछले 48 घंटों में भारी बारिश से 10 लोगों की मौत
मुंबई ने आज कई दिनों बाद भारी बरसात देखी गई

राज्य ब्यूरो, मुंबई। चक्रवाती तूफान गुलाब का असर मुंबई सहित महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में दिखाई दे रहा है। मुंबई ने आज कई दिनों बाद भारी बरसात देखी गई। दूसरी ओर मराठवाड़ा में लगातार हो रही तेज बारिश के कारण पिछले 48 घंटों में 10 लोग मारे गए हैं एवं 200 से ज्यादा पशु बह गए हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे ऐसी ही बरसात होने की आशंका जताई है।

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पिछले कुछ दिनों से मुंबई में हल्की-फुल्की बरसात होती आ रही थी। आज एक बार मुंबई सहित निकटवर्ती पालघर, कल्याण, ठाणे आदि जिलों में तेज बरसात हुई। तेज बारिश का यह दौर बुधवार तक जारी रहने की संभावना है। मुंबई में बरसात के कारण निचले इलाकों में जलभराव तो हुआ, लेकिन उपनगरीय ट्रेनों के आवागमन पर कोई खास असर नहीं पड़ा।

बरसात के कारण ज्यादातर लोगों ने भी घर से निकलने से परहेज किया। बरसात का ज्यादा असर महाराष्ट्र के मराठवाड़ा एवं विदर्भ क्षेत्रों में दिखाई दिया। मराठवाड़ा के आठ जिलों में पिछले 48 घंटों से हो रही मूसलाधार बरसात में दस लोगों के मारे जाने एवं 200 से ज्यादा पशुओं के बह जाने की खबर है। विदर्भ क्षेत्र में भी कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है। लेकिन वहां से विस्तृत सूचना नहीं मिल सकी है।

मराठवाड़ा के औरंगाबाद, लातूर, उस्मानाबाद, परभणी, नांदेड़, बीड, जालना एवं हिंगोली जिलों में बारिश का कहर सर्वाधिक रहा है। बरसात के कारण कई बांधों से पानी छोड़ना पड़ा है, जिसके कारण बीड एवं लातूर जिलों में मांजरा नदी के किनारे बसे कई गांवों में बाढ़ आ गई है। मराठवाड़ा के आठ में से छह जिलों में 10 लोगों के मारे जाने की खबर है। कई कच्चे मकान ढह गए हैं। मूसलाधार बरसात एवं बाढ़ के कारण इस क्षेत्र में फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है।

राज्य के जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल के अनुसार, सोमवार से ही जल संसाधन विभाग स्थितियों पर नजर रख रहा है। आवश्यकतानुसार मदद पहुंचाई जा रही है। बता दें कि इसी वर्ष जुलाई के अंतिम सप्ताह में कोकण एवं पश्चिम महाराष्ट्र क्षेत्र में हुई मूसलाधार बरसात के कारण इन दोनों क्षेत्रों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था एवं पहाड़ी क्षेत्रों में हुए भूस्खलन के कारण करीब 150 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।


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