विवादों में घिरे बाबाओं के न जाने कितने चेहरे, आसाराम से लेकर कई और भी शामिल
दिन के उजाले में प्रवचन की गंगा में तथाकथित संत अपने भक्तों संग डूबकी लगाते हैं। लेकिन काली रात उन संतों की सोच को जरूरत से ज्यादा काली कर देती है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। मोक्ष की प्राप्ति, परमात्मा से मिलन और परलोक में खुद की बेहतरी को भारतीय दर्शन विशेष बल देता रहा है। अनादिकाल से लेकर मौजूदा समय तक सामान्य से लेकर खास भारतीयों की साधु और संतों के साथ समागम एक खास विशेषता रही है। ये बात अलग है कि धर्म के नाम पर खुद को भगवान घोषित करने वाले कुछ कथित बाबा आम लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करते रहे हैं। तथाकथित साधु-संतों ने अपनी काबिलियत का या डर का ऐसा जाल बुना कि उनके अनुयायियों को लगने लगा कि परलोक सुधार के लिए उनसे बेहतर साधन कुछ और नहीं हो सकता है। आज देश की जनता बाबाओं के काले कारनामें देखकर पूरी तरह से भ्रमित हो चुकी है। अब तो सरेआम देशवासियों को कहते हुए सुना जा रहा है बाबा रे बाबा, ना बाबा! कोई भगवा पहन लोगों को गुमराह कर अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो कोई सफेद। लेकिन मकसद सभी के घनघोर काले हैं। आज हम ऐसे ही कुछ बाबाओं के काले कारनामों का सच आपके सामने रखने जा रहे हैं।
आसाराम बापू
इस नाम से भला कौन परिचित नहीं है। अपने समर्थकों में बापू के नाम से मशहूर आसाराम इहलोक से ज्यादा परलोक सुधारने का रास्ता बताते थे। 2013 में आसाराम बापू पर आरोप लगा कि उन्होंने एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। पीड़ित लड़की का आरोप था कि आसाराम बापू अनैतिक यौनचार के लिए दबाव बनाते थे, हालांकि आसाराम आरोपों से इनकार करते रहे हैं। इसके अलावा 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ हुए अमानवीय कांड के लिए उन्होंने उसे ही जिम्मेदार बताया।
आसाराम सहित 3 आरोपी दोषी करार
जोधपुर की कोर्ट ने आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए गए आसाराम को उम्रकैद की और अन्य दो दोषियों को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई गई है। जोधपुर कोर्ट में आज इस मामले में आसाराम समेत 3 लोगों को दोषी करार दिया गया और दो आरोपियों को बरी कर दिया गया। न्यायधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर जेल में अपना फैसला सुनाया। बहस के दौरान वकीलों ने आसाराम की अधिक उम्र का हवाला दिया और उसको कम सजा दिए जाने की मांग की। आपको बता दें कि आसाराम ने इस मामले में जमानत पाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट तक ने उसकी याचिका को ठुकरा दिया था। सजा सुनाए जाने से पहले कई जगहों पर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े उपाय किए थे।
गुरमीत राम रहीम सिंह
साध्वी से बलात्कार के दोषी बाबा गुरमीत राम रहीम को आखिरकार उनके किए की सज़ा मिल गई। अदालत ने करीब पन्द्रह साल के लंबे इंतज़ार के बाद दो साध्वियों से यौन शोषण को लेकर 10-10 साल यानि कुल बीस साल की सज़ा सुनाई है। इस पूरे लंबे चले मामले में कुल 200 सुनवाई हुई और 62 याचिकाएं लगाई गई। पूरे मामले में इंसाफ तक पहुंचने के लिए कुल 37 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। दरअसल इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सितंबर 2002 में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने इस मामले में 31 जुलाई 2007 को आरोप पत्र दाखिल किया था। डेरा प्रमुख को अदालत से जमानत तो मिल गई, लेकिन यह केस सीबीआई की अदालत में चलता रहा।
स्वामी नित्यानंद
अब देश के दक्षिणी इलाके पर नजर डालते हैं। दिन के उजाले में स्वामी नित्यानंद अपने समर्थकों को आत्मा से परमात्मा के मिलन का रास्ता बताते थे। लेकिन उनके समर्थकों के लिए रात कुछ ज्यादा ही काली होती थी। नित्यानंद के खिलाफ उनकी एक शिष्या ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए कहा था कि वो जान से मारने की धमकी देते थे। इसके अलावा बेंगलुरु में नित्यानंद के आश्रम में छापेमारी के दौरान कंडोम और गांजा की बरामदगी हुई थी। ये भी आरोप लगाया जाता है कि तांत्रिक यौन संबंध स्थापित करने के लिए भी बेजा दबाव डाला जाता था।
संत रामपाल
अब एक बार फिर रुख उत्तर भारत के राज्य हरियाणा की तरफ करते हैं। देश और दुनिया को आध्यात्म की सीख देने से पहले रामपाल हरियाणा सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे। 2014 में करीब 30 घंटे के संघर्ष के बाद शांति के संदेश देने वाले अशांत नायक को उनके सतलोक आश्रम से गिरफ्तार किया गया।
स्वामी भीमानंद जी महाराज
शिव मूर्ति उर्फ इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंद जी महाराज चित्रकूट वाले को देश की राजधानी दिल्ली में सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसका खुलासा एक एयरहोस्टेस की गिरफ्तारी के बाद हुआ था।
स्वामी सदाचारी
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी समेत कई राजनेताओं के धार्मिक सलाहकार रहने वाले स्वामी सदाचारी को वेश्यावृत्ति कराने के आरोप में जेल भेज दिया गया था।
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