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सरकार नहीं होने से करोड़ों का नुकसान: सिसोदिया

दिल्ली में राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल लगातार बना हुआ है। विधानसभा को निलंबित स्थिति में रखा गया है और राष्ट्रपति शासन लागू है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा कुछ अन्य विधायकों के सहयोग से सूबे में अपनी सरकार बना सकती है। पहले कांग्रेसी विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने की चर्चा थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी

By Edited By: Published: Mon, 11 Aug 2014 09:26 AM (IST)Updated: Mon, 11 Aug 2014 09:27 AM (IST)

दिल्ली में राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल लगातार बना हुआ है। विधानसभा को निलंबित स्थिति में रखा गया है और राष्ट्रपति शासन लागू है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा कुछ अन्य विधायकों के सहयोग से सूबे में अपनी सरकार बना सकती है। पहले कांग्रेसी विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने की चर्चा थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी के विधायकों के सहयोग से नई सरकार के गठन की कवायद चलती बताई जा रही है। इसी मुद्दे पर हमारे वरिष्ठ संवाददाता सुधीर कुमार ने आम आदमी पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया से बात की। पेश हैं उसके अंश-

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क्या यह सच है कि भाजपा आपके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है?

बिल्कुल, पूरी तरह से यह सच है। भाजपा की कोशिश है कि वह किसी तरह से अपनी सरकार बना ले। इसके लिए हमारे विधायकों से लगातार संपर्क किया जा रहा है और उन्हें पैसों का लालच दिया जा रहा है। यह बात खुद हमारे विधायक आकर बता रहे हैं। अलग-अलग समय में अलग-अलग लोगों ने हमारे 15 विधायकों से संपर्क किया है। लेकिन हमारे विधायक किसी भी तरह के लालच में नहीं आए और उन्होंने हमें जानकारी दी।

क्या आपके विधायकों ने भी संपर्क साधा है भाजपा से?

नहीं, हमारे विधायक पूरी तरह से एकजुट हैं। वह किसी भी तरह के लालच में नहीं आ रहे हैं। अगर ऐसा होता तो हमारे विधायक खरीद-फरोख्त के संबंध में पार्टी को जानकारी नहीं देते।

आप चुनाव की मांग कर रही है, जिस पर अरबों का खर्च आएगा, क्या यह बोझ जनता पर लादना ठीक है?

अरबों रुपये कहां से खर्च हो जाएंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव में 40 से 45 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दिल्ली की जनता पर इन रुपयों से कहीं ज्यादा बोझ महंगाई, रिश्वतखोरी और धांधली के रूप में पड़ रही है। अगर जोड़-तोड़ से सरकार बनेगी तो उनसे ईमानदारी की आशा की ही नहीं जा सकती है। जोड़-तोड़ की सरकार से आम आदमी का भला नहीं होता है। वैसी सरकार बेइमानी करेगी। दिल्ली में सरकार नहीं होने से भी आम जनता को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। चुनाव होने से आम जनता पर बोझ नहीं पड़ेगा।

इस राजनीतिक अनिश्चितता के आप किसे जिम्मेदार मानते हैं?

पहले कांग्रेस जिम्मेदार थी और अब भाजपा जिम्मेदार है। दिल्ली की कैबिनेट ने असेंबली भंग करने की सिफारिश उपराज्यपाल से की थी। विधानसभा भंग कर उसी समय चुनाव कराने की मांग की गई थी। अगर उस समय केजरीवाल सरकार की बात मान ली गई होती तो आज यह स्थिति ही नहीं होती। इसके लिए भाजपा व कांग्रेस ही जिम्मेदार हैं।

आप लोगों ने हुकुमत छोड़ दी जिसकी वजह से यह स्थिति बनी है?

हमारे पास मात्र 28 विधायक थे। स्थितियां ऐसी बनाई गई कि हमने सरकार बनाई। लेकिन बाद में कांग्रेस और भाजपा एक हो गए और हमें काम नहीं करने दिया जा रहा था। ऐसी स्थिति में हमारे पास हुकूमत छोड़ने के अलावा और कोई चारा ही नहीं था।

अगर चुनाव होता है और फिर वर्तमान राजनीतिक हालात जैसी स्थिति होती है तो क्या होगा?

अब चुनाव के बाद ऐसी स्थिति नहीं आएगी। पहले लोगों को विश्वास ही नहीं था कि आप इतना बेहतरीन प्रदर्शन करेगी। अब तो मुकाबले में कांग्रेस कहीं भी नहीं है। उसे दो सीट भी मिल जाए तो गनीमत होगी। अब मुकाबला भाजपा और आप के बीच है। जिससे अब असमंजस की स्थिति नहीं रहेगी, स्पष्ट जनादेश मिलेगा। आप पर लोगों का विश्वास लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे उसे भरपूर समर्थन मिल रहा है।'

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