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जानवरों के मारे जाने पर मेनका गांधी-जावडेकर आमने-सामने

जानवरों के मारे जाने पर मेनका गांधी ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय का फैसला समझ के परे है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Thu, 09 Jun 2016 10:48 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jun 2016 02:26 PM (IST)
जानवरों के मारे जाने पर मेनका गांधी-जावडेकर आमने-सामने

नई दिल्ली। जानवरों को मारे जाने पर केंद्रीय मंत्री और एनिमल राइट एक्टिविस्ट मेनका गांधी और पर्यावरण मंत्री आमने-सामने हैं। मेनका गांधी ने कहा कि आखिर निरीह जानवरों को मारे जाने की जरूरत ही क्य़ा है। उन्होंने कहा ये समझ पाना बेहद ही मुश्किल हैं कि पर्यावरण मंत्रालय ऐसा क्यों कर रहा है। ये जानवरों के साथ क्रुर व्यवहार करने जैसा है।

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मेनका गांधी बोलीं, जैसी सरकार वैसी कानून व्यवस्था

मेनका गांधी की आपत्तियों पर पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने जवाब भी दिया । उन्होंने कहा कि राज्यों के आग्रह के बाद ही इस तरह का आदेश दिया गया है। इसके लिए किसी तरह के कानून को नहीं बनाया गया है। पुराने कानून के तहत ही जानवरों को मारे जाने की आदेश है। जानवरों द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान के बाद राज्य सरकारों ने पर्यावरण मंत्रालय ले जानवरों को मारने की अनुमति मांगी थी। लिहाजा केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस संबंध में मंजूरी दी।

गौरतलब है कि फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों को मारने का आदेश दिया है। बिहार के मोकामा में राज्य सरकार ने नीलगायों को मारने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी।


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