टैक्स घटाने की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के मंडी व्यापारी हड़ताल पर, हजारों लोग होंगे प्रभावित
अध्यक्ष सकल अनाज दलहन-तिलहन व्यापारी महासंघ मध्य प्रदेश गोपालदास अग्रवाल के मुताबिक मंडी शुल्क घटाने समेत अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री से लंबे समय से पत्राचार किया जा रहा है लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में गुरुवार से व्यापारी किसानों से अनाज की खरीदी नहीं करेंगे। वे मंडियों में व्यापारियों से वसूल किए जाने वाले 1.70 फीसद टैक्स को घटाकर 0.50 फीसद करने की मांग कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने मंडियों के बाहर खरीदी करने की अनुमति दी है। ऐसे तो बाहरी व्यापारियों से कोई टैक्स नहीं वसूला जाएगा, लेकिन मंडी में खरीदने वालों को टैक्स चुकाना पड़ेगा, जो अनुचित है। इसलिए अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है। हड़ताल ऐसे समय पर हो रही है जब मंडियों में नए सोयाबन की आवक होने लगी है।
सकल अनाज दलहन-तिलहन व्यापारी महासंघ मप्र के आह्वान पर भोपाल अनाज मंडी व्यापारी संघ से जुड़े कारोबारी भी हड़ताल पर रहेंगे। संघ ने किसानों को सूचना दी है कि वे उपज बेचने मंडी न आएं। बता दें कि मॉडल मंडी एक्ट के विरोध में तीन से छह सितंबर तक प्रदेश के मंडी कर्मी भी हड़ताल कर चुके हैं।
क्यों है हड़ताल
-मॉडल मंडी एक्ट में बाहर के व्यापारियों को टैक्स से पूरी छूट दी है, लेकिन मंडी के व्यापारियों को टैक्स देना होगा।
-मंडी लायसेंस की अनिवार्यता भी खत्म की गई।
-नए नियमों के कारण प्रतिस्पर्धा नहीं हो सकेगी और किसानों का अनाज कम भाव में बिकेगा।
-व्यापार नहीं होने से मंडी समितियों को शुल्क भी प्राप्त नहीं हो सकेगा। इससे मंडियां बंद हो जाएंगी।
ये हैं प्रमुख मांगें-
-व्यापारियों से 1.70 की बजाय 0.50 फीसद मंडी शुल्क लिया जाए।
-निराश्रित शुल्क व अनुज्ञा पत्र की आवश्यकता को भी समाप्त किया जाए।
मध्य प्रदेश में मंडी-व्यापारी
-500 से अधिक मंडी, उप-मंडियां हैं मप्र में
-40,000 छोटे-बड़े व्यापारियों के हड़ताल पर रहने की संभावना
लंबे समय से सिर्फ आश्वासन ही मिले...!
अध्यक्ष सकल अनाज दलहन-तिलहन व्यापारी महासंघ मध्य प्रदेश गोपालदास अग्रवाल के मुताबिक, मंडी शुल्क घटाने समेत अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री से लंबे समय से पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। टैक्स घटाने समेत अन्य मांगों को लेकर निर्णय न होने के चलते 24 सितंबर से व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।