Malabar 2020: मालाबार अभ्यास में भारतीय नेवी की पनडुब्बियों ने लिया हिस्सा
मालाबार अभ्यास के दौरान भारतीय नेवी की पनडुब्बियां रणविजय शिवालिक सुकन्या फ्लीट सपोर्ट शिव शक्ति और सिंधुराज सबमरीन बंगाल की खाड़ी में एंटी सबमरीन वॉरफेयर में हिस्सा ले रही हैं। एडवांस जेट ट्रेनर हॉक लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी-8 आइ डोर्नियर मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट और कई हेलीकॉप्टर उतारे गए।
नई दिल्ली, एएनआइ। मालाबार अभ्यास के दौरान भारतीय नेवी की पनडुब्बियां रणविजय, शिवालिक, शक्ति, सुकन्या, फ्लीट सपोर्ट शिव शक्ति और सिंधुराज सबमरीन बंगाल की खाड़ी में एंटी सबमरीन वॉरफेयर में हिस्सा ले रही हैं। इसके अलावा एडवांस जेट ट्रेनर हॉक, लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी-8 आइ, डोर्नियर मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट और कई हेलीकॉप्टर उतारे गए।
#Malabar2020 Indian Navy's Ranvijay, Shivalik, Shakti, Sukanya & submarine Sindhuraj undertaking Anti Submarine Warfare Operations & naval manoeuvres in Bay of Bengal with USS John S McCain, HMAS Ballarat & JMSDF Ship JS Onami
Navies of India, US, Japan & Australia participating pic.twitter.com/VzhZyKIKWf— ANI (@ANI) November 4, 2020
उधर, अमेरिकी नौसेना ने गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर यूएसएस जॉन एस मैक्केन, ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने हेलीकॉप्टर के साथ लॉन्ग रेंज फ्रिगेट बालाराट और जापानी नौसेना ने हेलीकॉप्टर के साथ डेस्ट्रॉयर ओनामी के साथ प्रतिभाग किया है। मालाबार अभ्यास की शुरुआत वर्ष 1992 में भारतीय व अमेरिकी नौसेना ने हिंद महासागर में संयुक्त अभ्यास से की थी। जापान वर्ष 2015 में शामिल हुए।
चार दिनों तक चलने वाले मालाबार नौसैनिक अभ्यास के पहले चरण के दूसरे दिन क्वाड के सदस्य देशों ने आपसी सैन्य सहयोग की झलक पेश की। दूसरा चरण 17-20 नवंबर के बीच अरब सागर में शुरू होगा।
बंगाल की खाड़ी में शुरू हुआ संयुक्त अभ्यास का पहला चरण
अमेरिकी दूतावास ने ट्वीट किया, 'इस अभ्यास ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत रक्षा सहयोग संबंधी सदस्य देशों की प्रतिबद्धता को फिर से जाहिर किया है।' भारतीय नौसेना ने गत दिवस जारी एक बयान में कहा था कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस अभ्यास का संचालन संपर्क रहित और केवल समुद्र में किया जाएगा। भारत ने पिछले ही महीने घोषणा की थी कि इस बार मालाबार अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया भी भाग लेगा। दरअसल, क्वाड के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने टोक्यो में मुलाकात की थी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी।
चीन का बढ़ता दबदबा दुनिया के प्रमुख देशों के लिए चिंता का विषय
चीन की चिंता की वजह क्वाड यानी क्वाड्रिलेट्रल सिक्योरिटी डायलॉग में भारत, अमेरिका, जापान व ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। मालाबार नौसैनिक अभ्यास ऐसे समय में शुरू हुआ है, जब लद्दाख में सीमा को लेकर पिछले छह महीने से भारत व चीन में तनातनी जारी है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का बढ़ता सैन्य दबदबा दुनिया के प्रमुख देशों के लिए चिंता का विषय है। अमेरिका क्वाड को इस क्षेत्र में सुरक्षात्मक ढांचा प्रदान करने के पक्ष में है, ताकि चीन को रोका जा सके।
ड्रैगन को आई शांति की याद
पड़ोसियों के साथ बेवजह पंगा लेने वाले चीन को शांति की याद आई है। बीजिंग में मालाबार नौसैनिक अभ्यास पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा था कि 'हमें उम्मीद है कि चारों देशों का सैन्य अभ्यास क्षेत्र में शांति और स्थिरता पैदा करने वाला होगा, न कि किसी के विरोध में।'