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दाभोलकर हत्याकांड मामला: CBI कस्टडी में भेजा गया मुख्य आरोपी सचिन आंदुरे

महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता दाभोलकर के हत्याकांड मामले में शामिल मुख्य आरोपी शूटर सचिन प्रकाशराव आंदुरे को पुणे की अदालत ने 26 अगस्त तक सीबीआइ कस्टडी में भेजा।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 11:31 AM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 02:08 PM (IST)
दाभोलकर हत्याकांड मामला: CBI कस्टडी में भेजा गया मुख्य आरोपी सचिन आंदुरे
दाभोलकर हत्याकांड मामला: CBI कस्टडी में भेजा गया मुख्य आरोपी सचिन आंदुरे

नई दिल्ली/मुंबई (एएनआइ)। महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता दाभोलकर हत्याकांड मामले में शामिल मुख्य आरोपी शूटर को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआइ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दाभोलकर की हत्या के केस में औरंगाबाद निवासी सचिन प्रकाशराव आंदुरे को पुणे से गिरफ्तार किया गया। आरोपी आंदुरे को पुणे की अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट से उसे 26 अगस्त तक सीबीआइ कस्टडी में भेज दिया है। बता दें कि सीबीआइ का कहना है कि आंदुरे भी उन शूटरों में था, जिसने 20 अगस्त, 2013 को दिनदहाड़े दाभोलकर पर गोलियां चलायी थी। उस वक्त दाभोलकर मॉर्निंग वॉक पर निकले थे।

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दाभोलकर की बेटी मुक्ता दाभोलकर ने कहा, 'उनकी (नरेंद्र दाभोलकर) हत्या के बाद, इसी तरह तीन और हत्याएं हुईं। जांच एजेंसियों का कहना है कि सभी चारों हत्याओं में समानता है। यह एक बड़ी साजिश है। वे सभी वैचारिक मतभेदों के कारण मारे गए थे।'

इससे पहले सीबीआइ ने अपने आरोपपत्र में सारंग अकोलकर और विनय पवार के नाम का शूटर के तौर पर उल्लेख किया गया था। ये दोनों ही फिलहाल फरार चल रहे हैं। जब सीबीआइ से पुराने आरोप पत्र और अब आंदुरे को लेकर किए नए दावे के बारे में पूछा गया, तो एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल जांच चल रही है।

बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोध दस्ते (एटीएस) ने वैभव राउत, शरद कलास्कर और सुधना गोंडलेकर को गिरफ्तार किया था। इन पर विस्फोटक सामग्री बनाने का आरोप लगा है। एटीएस के मुताबिक इन तीनों से पूछताछ के दौरान एक संदिग्ध ने दाभोलकर की हत्या में शामिल होने की बात स्वीकारी। इसके बाद एटीएस ने ये जानकारी दाभोलकर हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ की टीम को सौंप दी। इसी के आधार पर सीबीआइ ने सचिन प्रकाश आंदुरे और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया।

2014 में CBI का सौंपा गया मामला
गौरतलब है कि अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की जांच मुंबई हाईकोर्ट ने मई, 2014 में सीबीआई को सौंपी थी।

2016 में वीरेंद्र तावड़े की हुई थी गिरफ्तारी
सीबीआइ ने सितंबर, 2016 को पनवेल में 'हिंदू जनजागृति समिति आश्रम' से वीरेंद्र तावड़े को हत्या व आपराधिक साजिश के आरोप के चलते गिरफ्तार किया था। सीबीआइ ने बताया था कि तावड़े इस पूरे हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता है। सीबीआइ ने ये बताया था कि सनातन संस्था के कार्यकर्ता सारंग अकोलकर और विनय पवार ने दाभोलकर को गोली मारी थी, ये दोनों अभी तक फरार हैं।

सीबीआइ ने बताया था कि सांरग और विनय ने हत्या के लिए वीरेंद्र तावड़े की बाइक इस्तेमाल किया था। बता दें कि सनातन संस्थान के कार्यकर्ता सरंग अकोलकर के खिलाफ 2009 गोवा विस्फोट मामले के संबंध में जुलाई 2012 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। अकोलकर एजेंसियों के रडार पर भी है।


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