महाराष्ट्र और गुजरात के चीनी कंपनी से करार रद करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सीमा पर मौजूदा तनाव को देखते हुए भारत सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह चीन के साथ अपनी व्यापार नीति सावर्जनिक करे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है जिसमें अडानी समूह और गुजरात तथा महाराष्ट्र सरकार के चीनी कंपनियों के साथ हुए करार रद करने की मांग की गई है।
इसके साथ ही कहा गया है कि सीमा पर मौजूदा तनाव को देखते हुए भारत सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह चीन के साथ अपनी व्यापार नीति सावर्जनिक करे। यह याचिका जम्मू कश्मीर की रहने वाली सुप्रिया पंडिता ने दाखिल की है। दाखिल याचिका में केन्द्र सरकार के अलावा गुजरात तथा महाराष्ट्र सरकार व अडानी समूह की कंपनियों को प्रतिवादी बनाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि चीनी समान के बहिष्कार के बीच ही गुजरात और महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी चीनी कंपनियों के साथ करार (एमओयू) किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप ने चीन की सबसे बड़ी निजी कंपनी के साथ भारतीय पोर्ट में 300 मिलियन के निवेश का करार किया है। यह करार अडानी समूह और ईस्ट होप ग्रुप के बीच हुआ है जिसमें गुजरात राज्य में मुन्द्रा एसईजेड में निर्माण इकाई लगाने का प्रस्ताव है।
कहा गया है कि कुछ चुनिंदा कारोबीर घरानों और सरकारों को चीनी कंपनियों के साथ करार करने की इजाजत देने से गलत संदेश जाएगा। अब समय आ गया है कि चीन के साथ एक समान व्यापार नीति लागू की जाए। याचिका में मांग की गई है कि चीनी कंपनियों और चीन की सरकार के साथ प्रतिवादियों की ओर से किये गए करार रद किये जाएं।