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करोड़पति से महामंडलेश्वर, विवाद और अब 'वापसी' का सफर

करोड़ों की संपत्ति के मालिक नोएडा के सचिन दत्ता ने एकाएक संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था। संसारी जीवन की तरह संन्यासी जीवन में भी सच्चिदानंद गिरी यानी सचिन तेजी से आगे बढ़े और देखते ही देखते श्री निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की पदवी तक पहुंच गए।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2015 04:43 PM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2015 04:44 PM (IST)
करोड़पति से महामंडलेश्वर, विवाद और अब 'वापसी' का सफर

संतोष उपाध्याय, उज्जैन। करोड़ों की संपत्ति के मालिक नोएडा के सचिन दत्ता ने एकाएक संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था। संसारी जीवन की तरह संन्यासी जीवन में भी सच्चिदानंद गिरी यानी सचिन तेजी से आगे बढ़े और देखते ही देखते श्री निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की पदवी तक पहुंच गए।

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बीते दिनों सचिन को लेकर उठे विवाद ने फिर चौंकाया। कहा गया कि सच्चिदानंद गिरी के क्रियाकलाप अनुचित हैं। आखिरकार नासिक कुंभ में उन्हें पदवी गंवानी पड़ी। अब वे सिंहस्थ में भव्य शिविर लगाने की तैयारी में जुटे हैं। उनके समर्थक उम्मीद जता रहे हैं कि महाकुंभ में सच्चिदानंद गिरी फिर महामंडलेश्वर बना दिए जाएंगे।

नासिक कुंभ में अपदस्थ किए गए महामंडलेश्वर सच्चिदानंद गिरि उर्फ सचिन दत्ता सिंहस्थ में आलीशान शिविर लगाएंगे। सचिन का विवादों से पुराना नाता है। पंजाब और उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। आलीशान जीवन को त्यागकर संन्यास लेने वाले सचिन पट्टकाभिषेक से ही विवाद में आ गए थे।

कहा जाता है कि पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से ताल्लुकात रखने वाले सचिन को महामंडलेश्वर बनवाने में अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वे सिंहस्थ से जुड़े अफसरों के संपर्क में हैं।

दत्ता के करीबी नोयडा निवासी रियल एस्टेट कारोबारी ओपी यादव का कहना है कि महामंडलेश्वर सच्चिदानंद गिरि प्राइम लोकेशन पर पांच एकड़ जमीन तलाश रहे हैं। प्रशासन समय रहते जमीन आवंटित करेगा तो सिंहस्थ में भव्य शिविर लगाया जाएगा।

रियल एस्टेट, बार और डिस्कोथेक का कारोबार

उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 18 निवासी सचिन दत्ता रियल एस्टेट कारोबार, बार एवं डिस्कोथेक के कारोबार से जुड़े रहे। 20 साल से निरंजनी अखाड़े से जुड़े हुए हैं। 31 जुलाई 2015 को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव और अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी की उपस्थिति में उनका पट्टकाभिषेक किया गया। अखाड़ों के कुछ संत सच्चिदानंद गिरि की महामंडलेश्वर की पदवी बहाल कराए जाने के लिए प्रयासरत हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव और आजम खान से उनके करीबी रिश्ते भी जगजाहिर हैं।

सच्चिदानंद गिरि के खिलाफ जांच चल रही है, मुझे अकेले निर्णय नहीं लेना है। पात्र पाए जाते हैं तो शिविर लगाने की अनुमति दी जाएगी। महंत नरेंद्र गिरिजी महाराज, अध्यक्ष, अभा अखाड़ा परिषद

सिंहस्थ मेले में जमीन के लिए लगातार आवेदन मिल रहे हैं। सचिन दत्ता का भी फोन आया था। नियमानुसार और अखाड़ों के महंत से चर्चा के बाद उन्हें भूखंड आवंटित किया जाएगा। अनिल पटवा, उप सिंहस्थ मेलाधिकारी


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