Move to Jagran APP

महाकाल ज्योतिर्लिग पर नहीं चढ़ेगा पंचामृत, हाथ से रगड़ने पर भी लगी पाबंदी

भगवान को धारण कराई जाने वाली चांदी की मुंडमाला व नागकर्ण का वजन भी कम करने का निर्देश दिया गया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 09:26 AM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 09:26 AM (IST)
महाकाल ज्योतिर्लिग पर नहीं चढ़ेगा पंचामृत, हाथ से रगड़ने पर भी लगी पाबंदी
महाकाल ज्योतिर्लिग पर नहीं चढ़ेगा पंचामृत, हाथ से रगड़ने पर भी लगी पाबंदी

उज्जैन, जेएनएन। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध महाकाल ज्योतिर्लिग पर अब कोई भी श्रद्धालु पंचामृत नहीं चढ़ा पाएगा। केवल परंपरागत पूजा-अर्चना के दौरान पुजारी ही पंचामृत से अभिषेक कर सकेंगे। साथ ही शिवलिंग को हाथ से रगड़ने, घिसने पर भी सख्त पाबंदी होगी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को क्षरण रोकने के लिए कई निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर समिति से कहा है कि वह भगवान को अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं को शुद्ध जल व दूध उपलब्ध कराए।

prime article banner

सुप्रीम कोर्ट ने भगवान को धारण कराई जाने वाली चांदी की मुंडमाला व नागकर्ण का वजन कम करने के भी निर्देश दिए हैं। मंदिर समिति से कहा है कि वह भगवान को अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं को शुद्ध जल व दूध उपलब्ध कराए। क्षरण केस की सुनवाई पूरी होने के बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को क्षरण रोकने के लिए कई निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार अब कोई भी श्रद्धालु शिवलिंग 

गौरतलब है कि ज्योतिर्लिग क्षरण का मामला अप्रैल 2017 से सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था। उज्जैन निवासी सारिका गुरु की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर मंदिर का निरीक्षण करवाया था। कमेटी ने ज्योतिर्लिग का क्षरण रोकने के लिए मंदिर समिति को सुझाव दिए थे। इसमें शिवलिंग का अभिषेक आरओ जल (मशीन से शुद्ध किया पानी) से करने, पूजन सामग्री सीमित मात्रा में उपयोग करने जैसे कई सुझाव शामिल थे। मंदिर समिति आरओ के जल से अभिषेक सहित अन्य कुछ सुझावों पर अमल कर भी रही है।

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने समिति द्वारा अपनाए गए उपायों को लेकर एक रिपोर्ट तलब की थी। इसी वर्ष 25 अगस्त को समिति ने यह रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की थी। 27 अगस्त को याचिकाकर्ता का पक्ष सुना गया। मंगलवार को जस्टिस अरुण मिश्रा ने फैसला सुनाया। दरअसल, दूध, दही, पंचामृत आदि अर्पित करते समय कई श्रद्धालु शिवलिंग को हाथ से रगड़ते, घिसते थे। विशेषज्ञों की कमेटी ने कहा था कि इससे शिवलिंग को नुकसान हो रहा है।            

जनवरी-2021 में होगी समीक्षा

सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल मंदिर समिति से कहा कि वह निर्देशों का पालन कर इसकी एक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। जनवरी-2021 के दूसरे सप्ताह में कोर्ट इसकी समीक्षा करेगा।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिग का भी जिक्र

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में खंडवा जिले के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिग का भी जिक्र किया। कोर्ट ने कहा- यह चिंता की बात है कि पूजन सामग्रियों को असावधानीपूर्वक चढ़ाने से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिग क्षरण का शिकार हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.