सनातन संस्था को आतंकी संगठन घोषित करने की सिफारिश
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने बांबे हाई कोर्ट को सूचित किया है कि उसने सनातन संस्था को गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून [यूएपीए] के तहत आतंकी संस्था घोषित करने के लिए केंद्र को संस्तुति की है। दूसरी दक्षिण पंथी संस्था अभिनव भारत पर इस कानून के तहत प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, इस पर अभी प्रदेश सरकार को निर्णय लेना है।
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने बांबे हाई कोर्ट को सूचित किया है कि उसने सनातन संस्था को गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून [यूएपीए] के तहत आतंकी संस्था घोषित करने के लिए केंद्र को संस्तुति की है। दूसरी दक्षिण पंथी संस्था अभिनव भारत पर इस कानून के तहत प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, इस पर अभी प्रदेश सरकार को निर्णय लेना है।
राज्य के आतंक निरोधक दस्ता [एटीएस] ने अभिनव भारत पर प्रतिबंध लगाने के लिए महाराष्ट्र सरकार को संस्तुति की है। इसके सदस्यों पर वर्ष 2008 में मालेगांव में आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप हैं। एटीएस ने इसे यूएपीए के तहत आतंकी संस्था घोषित करने की भी मांग की है। महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में न्यायमूर्ति डीडी सिन्हा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को शपथ पत्र दायर कर कहा है कि सरकार एटीएस के प्रस्ताव पर अभी विचार कर रही है। यह शपथ पत्र अभिनव भारत नाम के ही एक ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका के जवाब में दायर किया गया है। उसने धर्मार्थ आयुक्त से इसी नाम की दूसरी संस्था का पंजीयन रद करने की मांग की है। कथित रूप से दूसरा संगठन आतंकी गतिविधियों में शामिल था। महाराष्ट्र के गृह विभाग के संयुक्त सचिव सुधाकर चह्वाण द्वारा दायर शपथ पत्र में कहा गया है कि सनातन संस्था को यूएपीए के तहत आतंकी संस्था घोषित करने की मांग स्वीकार कर ली गई है और इस संदर्भ में एक प्रस्ताव विदेश मंत्रालय को भेजा गया है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, उसने अभिनव भारत नाम से 29 जनवरी 2002 को धर्मार्थ संस्था का धर्मार्थ आयुक्त के पास पंजीयन कराया था। यह संस्था शहर में परोपकारी गतिविधियां चलाती है। वर्ष 2007 के फरवरी में पुणे स्थित एक अन्य ट्रस्ट ने इसी नाम से पंजीयन करा लिया।
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