बच्चों के होमवर्क को लेकर मद्रास हाई कोर्ट की CBSE को फटकार
बच्चों से होमवर्म का बोझ कम करने के मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) को कड़ी फटकार लगाई है।
चेन्नई (जेएनएन)। बच्चों से होमवर्क का बोझ कम करने के मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) को कड़ी फटकार लगाई है। सोमवार को हाई कोर्ट ने सीबीएसइ से कहा कि मीडिया के माध्यम से लोगों को बताएं कि कक्षा एक और दो के छात्रों के लिए बोर्ड के 'होमवर्क' नियम का पालन न करने वाले संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
न्यायमूर्ति एन किरुबाकरन ने वकील एम पुरुषोत्थमान की याचिका पर आदेश पारित करते हुए सीबीएसइ को दिशा-निर्देश जारी किए। किरुबाकरन ने कहा कि सीबीएसइ केवल राष्ट्रीय पाठ्यक्रम शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम और पुस्तकों का पालन करें।
जब न्यायमूर्ति किरुबाकरन के समक्ष सुनवाई के दौरान सीबीएसइ ने एक सर्कुलर की कॉपी कोर्ट में पेश की। जिसमें कहा गया कि उसने इस तरह का सर्कुलर 15 सितंबर, 2004 और 12 सितंबर, 2016 में जारी किया था। जिसमें कहा था कि कक्षा एक और दो के छात्रों को कोई होमवर्क नहीं दिया जाना चाहिए। सीबीएसई संबद्धता के अनुसार, बोर्ड से संबद्ध स्कूलों को अपनी सलाहकार को संतुष्ट करना होगा कि कक्षा दो तक के छात्रों के लिए कोई स्कूल बैग नहीं होगा और न ही कोई होमवर्क दिया जाएगा। बोर्ड ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में यह एक बार फिर दोहराया जाता है कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कि कक्षा तीन में भी कोई होमवर्क नहीं दिया जाएगा।
गौरतलब है कि 30 मई को मद्रास हाईकोर्ट ने सीबीएसइ को स्कूल के बच्चों के बैग के वजन कम करने और कक्षा एक और दो के बच्चों को होमवर्क न देने का निर्देश दिया था। स्कूल, कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं या नहीं इसको देखने के लिए कोर्ट ने सीबीएसइ से स्कूल में 'फ्लाइंग स्क्वाड' स्थापित करने के लिए कहा था। बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट का यह निर्देश वकील एम पुरुषोत्थमान की याचिका पर आया है। उन्होंने अपनी याचिका में सीबीएसइ स्कूलों को एनसीइआरटी द्वारा प्रकाशित पुस्तकें खरीदने व एनसीइआरटी के पाठ्यक्रम को लागू करने की अपील की है।