मध्य प्रदेश : पति, सास, जेठ कोरोना से हारे..तो छोटी बहू ने जान दे दी डर के मारे
छह दिन में परिवार के तीन सदस्यों की मृत्यु के इस पहाड़ जैसे दुख को स्वप्नेश गर्ग की पत्नी रेखा गर्ग सह न सकीं और पति की मृत्यु के दो दिन बाद 21 अप्रैल बुधवार को डर और अवसाद के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
इंदौर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के समीप स्थित देवास में अग्रवाल समाज अध्यक्ष बालकिशन गर्ग और उनके परिवार को 13 अप्रैल की शाम तक इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि अगले आठ दिनों में कोरोना उनकी दुनिया को बर्बाद कर देगा। 14 अप्रैल को घर के मुखिया बालकिशन गर्ग की पत्नी चंद्रकला देवी का कोरोना से दुखद निधन हो गया। परिवार इस मृत्यु से सदमे में डूब गया, लेकिन तीन दिन ही बीते थे कि 17 अप्रैल को परिवार को एक और जबरदस्त झटका लगा और घर के बड़े बेटे संजय अग्रवाल को कोरोना ने छीन लिया। परिवार इस मृत्यु से बुरी तरह टूट गया। लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था।
दो स्वजनों की मृत्यु से आंखें अभी गीली ही थीं कि कोरोना ने 19 अप्रैल को एक और आघात किया और छोटे बेटे स्वप्नेश गर्ग को परिवार से छीन लिया। महज छह दिन में परिवार के तीन सदस्यों की मृत्यु के इस पहाड़ जैसे दुख को स्वप्नेश गर्ग की पत्नी अर्थात घर की छोटी बहू रेखा गर्ग सह न सकीं और पति की मृत्यु के दो दिन बाद 21 अप्रैल बुधवार को डर और अवसाद के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छोटी बहू कोरोना संक्रमित थी या नहीं, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलेगा। बड़ी बहू भी पॉजिटिव गर्ग परिवार के मुखिया बालकिशन गर्ग भी बीमार हैं। हालांकि वे संक्रमित नहीं हैं। किंतु परिवार की बड़ी बहू अर्थात संजय अग्रवाल की पत्नी भी कोरोना संक्रमित हैं और उनका इलाज चल रहा है और वह भी सदमे में हैं। कोरोना के कारण जीवन की जंग हार चुके दोनों भाइयों के दो-दो बच्चे हैं।
अवसाद ने ली जान
देवास के सिविल लाइन थाना पुलिस के अनुसार छोटी बहू रेखा गर्ग का सुसाइड नोट नहीं मिला है। प्रथम दृष्टया अवसाद के कारण ही आत्महत्या जैसा कदम उठाने का अंदेशा है। बालकिशन गर्ग स्वयं बीमार हैं और बड़ी बहू संक्रमित, इसलिए परिवार में सब इतने सदमे में हैं कि कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं।