सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत दर्ज न करने पर मध्य प्रदेश पुलिसकर्मी गिरफ्तार
दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं करने पर एक पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चूक का संज्ञान लेने के बाद गिरफ्तारी की गई। आदेशों के अनुसार दो वरिष्ठ अधिकारियों को भी बाहर कर दिया गया।
नरसिंहपुर, पीटीआइ। एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में चार दिनों तक एक दलित दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं करने पर एक पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि नरसिंहपुर जिले के चीचली थानांतर्गत एक गांव में अनुसूचित जाति की महिला ने शुक्रवार की सुबह घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका के पति का आरोप है कि उसकी पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इसकी रिपोर्ट लिखाने के लिए वे कई दिन से पुलिस के चक्कर लगा रहे थे लेकिन पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार करने की जगह उन्हें ही लॉकअप में डाल दिया था। इस घटना के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चूक का संज्ञान लेने के बाद गिरफ्तारी की गई और आदेश दिया गया कि स्थानीय पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। आदेशों के अनुसार दो वरिष्ठ अधिकारियों को भी बाहर कर दिया गया। भोपाल में एक अधिकारी ने कहा कि चौहान ने शुक्रवार रात आदेश दिया था कि नरसिंहपुर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर गाडरवारा तहसील में गोटटोरिया पुलिस चौकी के सहायक पुलिस निरीक्षक (एएसआई) मिश्रीलाल कोडपा को पीड़ित की शिकायत दर्ज न करने के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आदेशों के अनुसार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजेश तिवारी और गाडरवारा के उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओपी) एस आर यादव को नरसिंहपुर से बाहर कर दिया गया। जबलपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक भगवत सिंह चौहान ने पीटीआई को बताया, 'कोडपा के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था और शुक्रवार रात को आईपीसी के 166 (सी) (मामला रिकॉर्ड करने में विफल) के तहत गिरफ्तार किया गया था।' वहीं, उन्होंने कहा कि कि एएसपी और एसडीओपी नरसिंहपुर से स्थानांतरित किए गए हैं।
नरसिंहपुर के एसपी अजय सिंह ने कहा, 'तीन लोगों की पहचान अरविंद, परसु चौधरी और अनिल राय के रूप में हुई, जो पीड़ित के ही समुदाय के थे, इनके द्वारा 32 वर्षीय महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। उन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।' मृतका के पति ने एसडीओपी गाडरवारा सीताराम यादव को बताया कि उसकी पत्नी 28 सितंबर को गांव स्थित खेत में चारा काटने गई थी। खेत में परसू, गुड्डा और अनिल नाम के आरोपियों ने महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया।
परिजनों का यह भी आरोप है कि जब दूसरे दिन 29 सितंबर को वे चौकी पहुंचे तो उनकी रिपोर्ट तक नहीं लिखी गई। 30 सितंबर को वे चीचली थाना पहुंचे, जहां उनकी फरियाद सुनने के बजाय पुलिसकर्मियों ने महिला के पति, जेठ को ही लॉकअप में बंद कर दिया। यही नहीं पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर पीड़िता के साथ गालीगलौज की। आरोप है कि पुलिसकर्मियों के उक्त व्यवहार से व्यथित होकर महिला ने आत्महत्या की।