Move to Jagran APP

बासमती के जीआई टैग के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची मप्र सरकार, मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती

मध्य प्रदेश के बासमती चावल के जीआई टैग के लिए शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राज्‍य सरकार मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व के फैसले को चुनौती दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 07:02 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 07:02 AM (IST)
बासमती के जीआई टैग के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची मप्र सरकार, मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती
बासमती के जीआई टैग के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची मप्र सरकार, मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के बासमती चावल को बासमती की मान्यता दिलाने के लिए शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राज्‍य सरकार का दावा है कि मध्य प्रदेश के कई इलाकों में परंपरागत तरीके से बासमती धान की खेती होती है। इसी आधार पर भौगोलिक संकेतक (जीआई टैग) के लिए आवेदन किया था। शुरुआती दौर में मध्य प्रदेश के पक्ष में फैसला आया था जिसे लेकर कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसमें प्रदेश के पक्ष को खारिज कर दिया गया। 

loksabha election banner

इसके खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। प्रदेश में परंपरागत तौर पर सीहोर, रायसेन, विदिशा, होशंगाबाद सहित अन्य जिलों में बासमती धान की खेती होती है। इसे प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने किसानों को बीज उपलब्ध कराकर खेती भी कराई लेकिन विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश का नाम नहीं होने से इसे मान्यता नहीं मिली। इस कारण यहां की बासमती धान को वह कीमत नहीं मिल पाती है जो मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल में भौगोलिक संकेतक (जीआई टैग) पंजीयन हासिल करने के लिए आवेदन कराया था। 

यही नहीं तत्‍कालीन श‍िवराज सरकार ने इसके लिए बरसों पुराने प्रमाणित दस्तावेज भी जुटाकर दिए लेकिन एपीडा के विरोध के कारण मान्यता नहीं मिल सकी। कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि कमल नाथ सरकार को जिस दमदारी से इस मामले को लड़ना चाहिए था, वैसा नहीं लड़ा गया। मद्रास उच्च न्यायायल ने 27 फरवरी को बासमती चावल की जीआई टैग सूची से मध्य प्रदेश को बाहर किए जाने के फैसले को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए 27 मई को अधिवक्ता जे. साई कौशल को नियुक्त किया गया। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर  याचिका दायर कर दी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.