पंजाब को पीछे छोड़ मध्य प्रदेश ने गेहूं खरीद में हासिल किया पहला स्थान, सीएम शिवराज ने दी बधाई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीद के इस रिकॉर्ड पर किसान और खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन के दौरान तमाम दुश्वारियों के बीच मध्य प्रदेश ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए देश में पहला स्थान बना लिया है। रविवार रात 12 बजकर 12 मिनट पर 127 लाख 76 हजार 628 मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर मप्र ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया। पंजाब ने 127 लाख 67 हजार 473 मीट्रिक गेहूं खरीदा है। मध्य प्रदेश के तीन जिलों में खरीद का काम अभी भी चल रहा है, इसलिए यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। प्रदेश में इस बार 74 फीसद अधिक गेहूं खरीदा गया है। पिछले साल 73 लाख 69 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। अब तक खरीदे गए 127 लाख 76 हजार 628 मीट्रिक टन गेहूं में से 118 लाख मीट्रिक टन का सुरक्षित भंडारण किया जा चुका है। पूरे देश में 386 लाख 54 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीद के इस रिकॉर्ड पर किसान और खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है। देश में अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सर्वाधिक गेहूं की खरीद पंजाब करता आया है। इस बार पंजाब को पीछे छोड़कर मध्य प्रदेश ने कीर्तिमान रचा है।
15 अप्रैल से शुरू की गई थी गेहूं की खरीद
जबकि लॉकडाउन की वजह से गेहूं की खरीद 25 मार्च की जगह 15 अप्रैल से शुरू की गई थी। शारीरिक दूरी का पालन हो और किसानों को भी कोई परेशानी न हो, इसके लिए चार हजार 529 केंद्र बनाकर खरीद की गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगातार गेहूं उपार्जन की समीक्षा की और 23 मार्च से लगातार 75 बैठकें कीं। प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि सरकार को अंदाजा था कि मंदी और आवागमन बंद होने के कारण पिछले साल की तुलना में कम अवधि में खरीद करनी होगी। इसके लिए उपार्जन केंद्रों की संख्या 3545 से बढ़ाकर चार हजार 529 की गई।
किसानों को भेजे गए 75 लाख एसएमएस
कोरोना के प्रति सजग रहने सहित खरीद के लिए केंद्रों में आने के लिए किसानों को 75 लाख एसएमएस भेजे गए। सात दिन में किसानों को भुगतान की व्यवस्था बनाई, ताकि लॉकडाउन के दौरान उन्हें कोई परेशानी न हो। गेहूं का भंडारण और परिवहन भी किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन 118 लाख मीट्रिक टन गेहूं का भंडारण किया जा चुका है, जो खरीद का लगभग 93 प्रतिशत है। 81 फीसद पंजीकृत किसानों ने बेचा गेहूं पंजीकृत किसानों में से इस बार 81 फीसद गेहूं बेचने के लिए उपार्जन केंद्रों में आए, जो रिकॉर्ड है।
पिछले साल 48.36 फीसद किसानों ने ही पंजीयन कराने के बाद खरीद केंद्रों पर आकर गेहूं बेचा था। पिछले साल 40 फीसद लद्यु और सीमांत किसानों ने गेहूं बेचा था, जबकि इस बार 84 फीसद लघु और सीमांत किसान गेहूं बेचने पहुंचे।
गेहूं खरीद एक नजर में
- 75 लाख एसएमएस भेजे गए थे किसानों को
- 10 हजार ट्रकों का परिवहन में किया इस्तेमाल
- 15 लाख 72 हजार किसानों से हो चुकी है खरीद
- पिछले साल नौ लाख 66 हजार किसानों ने बेचा था गेहूं
- नौ लाख 27 हजार लघु, सीमांत किसानों से हुई खरीद
- पिछले साल पांच लाख 36 हजार लघु, सीमांत किसानों से हुई थी खरीद
- 14 लाख 22 हजार किसानों को 20,500 करोड़ रपये का किया भुगतान
- दो हजार से ज्यादा गोदामों में रखा गेहूं
- आठ लाख मीट्रिक टन सायलो में रखा गया