Indian Railway: 1204 सीट वाली शताब्दी ट्रेन में सवार थे सिर्फ 90 यात्री, तब भी आजू-बाजू बैठा दिए लोग
कोरोना से बचने के लिए लगातार दो गज की दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जा रही है। सी-2 सीट-4 सी-11 में तो एक भी यात्री नहीं था लेकिन सी-1 व बाकी के कोचों में 15 से 20 यात्री मौजूद थे उन्हें भी आजू-बाजू की सीट में बैठा दिया है।
भोपाल, जेएनएन। हबीबगंज रेलवे स्टेशनपर छह माह बाद आ रही ट्रेन को रिसीव करने के लिए रेलवे डिपो के सीनियर सेक्शन इंजीनियर एसके ढींगरा, टीसी स्टाफ, सफाईकर्मी पहुंचे। तय समय दोपहर 2.25 बजे से नौ मिनट पहले ट्रेन आकर खड़ी हो गई। मुश्किल से पांच मिनट में ट्रेन खाली हो गई। कोच के अंदर सैनिटाइजेशन का काम हुआ। 125 यात्री ट्रेन में सवार हुए। कोच सी-2, सीट-4, सी-11 में तो एक भी यात्री नहीं था, लेकिन सी-1 व बाकी के कोचों में 15 से 20 यात्री मौजूद थे, उन्हें भी आजू-बाजू की सीट में बैठा दिया है। दोनों के बीच दो गज तो छोड़िए, आधे गज की दूरी नहीं थी, जबकि कोरोना से बचने के लिए लगातार दो गज की दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जा रही है। यह स्थिति तब है, जब ट्रेन ही खाली है।
दिल्ली से चढ़े थे 25 यात्री, आगरा में लगा ट्रेन में कोई है
कैटरिंग स्टाफ में शामिल यदुवेंद्र सिंह बताते हैं कि दिल्ली से जब ट्रेन चली थी तो मुश्किल से 25 यात्री चढ़े थे। जब ट्रेन आगरा पहुंची, तब लगा कि ट्रेन में यात्री भी बैठे हैं। वे बताते हैं कि ट्रेन में कभी इतने कम यात्री नहीं देखे। हबीबगंज व भोपाल पर उतरने वाले 231 व दोनों जगह से चने वाले यात्रियों की संख्या 226 थी।
नाश्ता और खाना नहीं दिया
कोरोना संक्रमण के चलते रेलवे ने ट्रेन में यात्रियों को स्नैक्स, नाश्ता और खाना नहीं दिया। जाते समय भी कुछ नहीं दिया जाएगा। यहां तक कि पानी बोतलें भी नहीं दी है। रेलवे ने बदले में दिल्ली से आते समय चेयरकार का किराया 185, एक्जीक्यूटिव श्रेणी का 210 और हबीबगंज से जाते समय क्रमश: 170 व 190 रुपये कम किया है। ज्यादातर यात्रियों ने बताया कि वे खाने-पीने की सामग्री साथ लेकर चल रहे हैं। ट्रेन में भी कुछ पैक्ड आयटम उपलब्ध थे।
कम यात्रियों के सफर करने की वजह
- ट्रेन में यात्रियों की कम संख्या की वजह कोरोना संक्रमण था। साथ ही शनिवार ट्रेन के चलने का पहला दिन था, इसी दिन से नवरात्र पर्व शुरू हुआ है। दूसरा दिन रविवार है, जो अवकाश का दिन है। इस वजह से भी ट्रेन में कम यात्रियों ने सफर किया।
- दिल्ली से हबीबगंज आने वाले यात्री रोहित कुमार के अनुसार ट्रेन में बहुत कम यात्री थे। इतने कम यात्री कभी नहीं देखे। नाश्ता व खाना नहीं दिया गया। ट्रेन में कुछ खानपान सामग्री उपलब्ध थी, लेकिन उसके लिए भुगतान करने की व्यवस्था थी ज्यादातर यात्रियों ने पानी के अलावा कुछ नहीं खरीदा।
- हबीबंगज से ललितपुर की यात्रा करने वाली महिला यात्री लकी नायक ने बताया कि हम घर से खाने-पीने की सामग्री लेकर आए हैं। ट्रेन के अंदर कुछ नहीं लेंगे। पहली बार देख रही हूं कि शताब्दी के समय में प्लेटफार्म इतना खाली है। आमतौर पर बहुत भीड़ रहती थी।