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Madhya Pradesh : ऑनलाइन कक्षा में बच्चों से परेशान शिक्षिका बोली- मां नहीं बनना, अदालत पहुंचा मामला

कोरोना काल ने आम लोगों के जीवन को किस हद तक प्रभावित कर दिया है इसकी एक बानगी भोपाल में देखने को मिली है। एक शिक्षिका ने सिर्फ इसलिए मां बनने का इरादा छोड़ दिया क्योंकि ऑनलाइन कक्षा के दौरान वह बच्चों से काफी परेशान हो गई थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 03:56 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 01:05 AM (IST)
Madhya Pradesh : ऑनलाइन कक्षा में बच्चों से परेशान शिक्षिका बोली- मां नहीं बनना, अदालत पहुंचा मामला
एक शिक्षिका ने मां बनने का इरादा छोड़ दिया क्योंकि ऑनलाइन कक्षा में वह बच्चों से परेशान हो गई थी

अंजली राय, भोपाल। कोरोना काल ने आम लोगों के जीवन को किस हद तक प्रभावित कर दिया है, इसकी एक बानगी भोपाल में देखने को मिली है। सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन यह सच है कि एक शिक्षिका ने सिर्फ इसलिए मां बनने का इरादा छोड़ दिया क्योंकि ऑनलाइन कक्षा के दौरान वह बच्चों से काफी परेशान हो गई थी। जब उसने अपने परिवार को इस फैसले की जानकारी दी तो मामला कुटुंब न्यायालय पहुंच गया। पति की गुहार पर कुटुंब न्यायालय में शिक्षिका की कई बार काउंसिलिंग की जा चुकी है लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है। 

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कुटुंब न्यायालय के काउंसलर के मुताबिक महिला भोपाल के बड़े निजी स्कूल में प्राथमिक कक्षाओं की शिक्षिका है। कोरोना काल में रोज ऑनलाइन कक्षाएं ले रही है। उसके मुताबिक कक्षा के दौरान बच्चे बहुत शैतानी करते हैं। बार-बार मना करने पर भी नहीं मानते। ऑनलाइन कक्षा के दौरान बच्चों के अनुशासनहीन व्यवहार से इतनी परेशान हो गई हूं कि अब घर में बच्चा नहीं चाहती। वहीं महिला के पति का कहना है कि पत्नी अपनी जिम्मेदारी से बचने का बहाना बना रही है। काउंसलर चार बार महिला की काउंसिलिंग कर चुके हैं। 

दंपती की शादी को पांच साल हो चुके हैं। शिक्षिका के पति का कहना है कि पत्नी दो-तीन साल तक अपने करियर पर फोकस कर रही थी, उसने मां बनने के लिए समय मांगा। अब वह कह रही है कि बच्चों को पढ़ाने से इस कदर परेशान हो चुकी हूं कि मां नहीं बनना चाहती। मैं परिवार के ताने नहीं सह सकता। वहीं, शिक्षिका का कहना है कि कई वर्षों से प्राइमरी कक्षा के बच्चों को पढ़ा रही हूं। स्कूल में भी बच्चों के शोर से परेशानी होती थी लेकिन ऑनलाइन कक्षा से बच्चों से चिढ़ होने लगी है। स्कूल के बाद घर में भी बच्चों की शैतानी को बर्दाश्त नहीं कर सकती। 

कुटुंब न्यायालय भोपाल में काउंसलर के रूप में काम कर रहे शैल अवस्थी का कहना है कि दंपती के बीच प्यार बरकरार है लेकिन ऑनलाइन कक्षा में बच्चों को नहीं संभाल पाने से पत्नी मानसिक तनाव से गुजर रही है। पति को समझाया जा रहा है कि वह धैर्य रखे। वहीं मनोविज्ञानी डॉ. राहुल शर्मा का कहना है कि लॉकडाउन के बाद कई लोगों के मन में बदलाव आने लगा है। इस मामले में बच्चों के प्रति महिला के मन में नकारात्मकता आने लगी है। महिला की काउंसिलिंग के साथ उसे कुछ समय देना चाहिए। 


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