Madhya Pradesh News : पुलिसकर्मी गिरा तो काफिला रोककर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की मरहम पट्टी
ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार सुबह भोपाल पहुंचे। इस दौरान स्टेट हेंगर से निकलने के बाद उऩका काफिला कुछ दूरी चला ही था कि ड्यूटी में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर गिरकर घायल हो गए। एसआइ को चोटिल देखकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने काफिला रुकवाया और तुरंत हालचाल लेने पहुंच गए है।
भोपाल,जेएनएन। भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार सुबह भोपाल पहुंचे। इस दौरान स्टेट हेंगर से निकलने के बाद उऩका काफिला कुछ दूरी चला ही था कि ड्यूटी में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर गिरकर घायल हो गए। एसआइ को चोटिल देखकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने काफिला रुकवाया और तुरंत हालचाल लेने पहुंच गए। एसआइ के सिर से खून बह रहा था। इसे देखकर सिंधिया ने उनकी सिर पर अपना रुमाल लगाया और पानी पिलाया और हालचाल लिया।
सब-इंस्पेक्टर की स्थिति सामान्य होने बाद ही काफिला आगे बढ़ा। दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नई दुनिया के अनुसार गिरने के कारण पुलिसकर्मी को सिर और हाथ में चोट लगी। सिंधिया ने इस दौरान पुलिसकर्मी का नाम पूछा और कहा कि अब आराम से जाओ। साथ ही कहा कि बहुत मजबूत आदमी है।
— ANI (@ANI) March 20, 2021
बता दें कि स्टेट हैंगर पहुंचने पर मंत्री तुलसीराम सिलावट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्वागत किया। स्मार्ट रोड पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ वे वृक्षारोपण में शामिल हुए। इस दौरान तुलसीराम सिलावट, स्वास्थ मंत्री प्रभुराम चौधरी भी उपस्थित रहे। इसे लेकर सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ आज भोपाल में स्मार्ट सिटी रोड पर वृक्षारोपण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह हम सभी का दायित्व है कि पर्यावरण के हित में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।
इस दौरान सिंधिया ने मध्यप्रदेश भाजपा सरकार के एक साल पूरा होने पर बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि साल मध्य प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी से आज भोपाल निवास पर मुलाकात कर जनकल्याण को समर्पित भाजपा सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर बधाई प्रेषित की। मप्र को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए मेरी शुभकामनाएं। गौरतलब है कि भाजपा की सरकार बनने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रमुख भूमिका रही थी। 2018 विधानसभा चुनाव में 230 सदस्यों वाली विधानसभा में 114 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा को 109 सीट मिली थी। बसपा के दो, सपा के एक और निर्दलीय चार विधायकों की मदद से कांग्रेस ने सरकार बनाई। इसके बाद सिंधिया की पार्टी में उपेक्षा शुरू हुई। इससे नाराज सिधिंया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके समर्थक कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दिया और कमलनाथ सरकार गिर गई।