मप्र के ब्रांड विंध्य हर्बल की इम्युनिटी बूस्टर किट की दुनियाभर में बढ़ रही मांग, न्यूयॉर्क भेजने की तैयारी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक जैन ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने में आयुर्वेदिक औषधियों के प्रभाव को देख विंध्य हर्बल ने महत्वपूर्ण औषधियों को समाहित करते हुए एक रोग प्रतिरोधी किट (इम्युनिटी बूस्टर किट) तैयार की है।
भोपाल [सुशील पांडेय]। कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव में विभिन्न भारतीय आयुर्वेदिक औषधियों को लाभकारी पाया गया है। इसमें गिलोय, अश्वगंधा और त्रिकटू चूर्ण प्रमुख हैं और इनकी मांग दुनियाभर में बढ़ी है। इसी कारण मध्य प्रदेश लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केंद्र के विंध्य हर्बल ब्रांड की औषधियों का विक्रय और प्रदर्शन योग दिवस पर 21 जून को न्यूयार्क में किया जाएगा। यह पहला मौका है, जब विंध्य हर्बल के उत्पाद विदेश जाएंगे।
यह केंद्र आयुर्वेदिक एवं हर्बल औषधियों का उत्पादन करीब 15 साल से कर रहा है। कई राज्यों में यह केंद्र 250 प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों की आपूर्ति करता है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक जैन ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने में आयुर्वेदिक औषधियों के प्रभाव को देख विंध्य हर्बल ने महत्वपूर्ण औषधियों को समाहित करते हुए एक रोग प्रतिरोधी किट (इम्युनिटी बूस्टर किट) तैयार की है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 21 जून को न्यूयार्क में आयोजित प्रदर्शनी में भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राइफेड) के माध्यम से इसका प्रदर्शन और वितरण वैश्विक मंच पर किया जाएगा। अभी सौ गिफ्ट पैक ट्राइफेड को उपलब्ध कराए गए हैं। इसके आधार पर जितनी मांग आएगी, उतनी आपूर्ति की जाएगी। वनवासी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ट्राइफेड हर साल देश के कुछ चुनिंदा उत्पाद प्रदर्शनी में शामिल करता है। मप्र से इस बार हमारी औषधियों को चुना गया है। विंध्य हर्बल की औषधियों का विक्रय अभी देश में ही सीमित है। ई-कामर्स के माध्यम से विदेश में बिक्री के लिए केंद्र प्रयासरत है।
यह है किट में
इम्युनिटी बूस्टर किट में त्रिकटू, गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ चूर्ण और अर्जुन हर्बल टी के साथ इनके उपयोग संबंधी एक पर्चा भी है। एक पैक की कीमत तीन सौ रुपये है।
टीका लगवाने से पहले ही मिल गया टीकाकरण का सर्टिफिकेट
भोपाल में दिव्यांश जयवार को कोरोना का टीका लगवाने से पहले ही वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट मिल गया। उन्होंने बताया कि टीकाकरण का स्लॉट लेकर वो वैक्सीन लगवाने के लिए जाने वाले थे लेकिन उससे पहले ही उनके पास मैसेज आया कि उनका टीकाकरण सफलतापूर्वक हो गया है। दिव्यांश ने बताया कि उन्होंने अभी तक वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है। अब राज्य सरकार मामले की जांच करेगी।