अदालतों में 11 जुलाई तक जारी रहेगा सीमित कामकाज, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने वर्तमान में चल रही सीमित मामलों की वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की व्यवस्था 11 जुलाई तक के लिए ब़़ढा दी है।
जबलपुर, जेएनएन। देश भर में कोरोना वायरस के कहर के कारण अदालतों के कामकाज पर असर पड़ा है। पिछले कई महीनों से अदालतों की कार्रवाई वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए चल रही है। इस बीच मध्य प्रदेश में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मुख्यपीठ जबलपुर, खंडपीठ इंदौर-ग्वालियर व राज्य की सभी अधीनस्थ अदालतों में वर्तमान में चल रही सीमित मामलों की वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की व्यवस्था 11 जुलाई तक के लिए ब़़ढा दी है।
आगामी कार्य दिवस सोमवार 6 जुलाई से 11 जुलाई तक दौरान पूर्ववत सीमित संख्या में कर्मचारियों व अधिकारियों को ही काम पर बुलाया जाएगा। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल राजेंद्र कुमार वाणी ने शनिवार को इस आशय की एडवाइजरी जारी की। एडवाइजरी के तहत भोपाल व उज्जैन जिला अदालतों में पूर्व निर्देश के तहत सीमित मामलों की सुनवाई की जाएगी। इंदौर जिला अदालत में 11 जुलाई तक अर्जेट मामलों की ही सुनवाई की जाएगी। कंटेनमेंट क्षेत्र के निवासी न्यायाधीशों व कर्मियों को उनके निवास क्षेत्र के मुक्त होने तक काम पर नहीं बुलाया जाएगा। ई-फाइलिंग के साथ-साथ मैनुअल फाइलिंग की व्यवस्था भी इस दौरान जारी रहेगी।
इससे पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मुख्यपीठ जबलपुर और खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर के साथ-साथ राज्य की सभी अदालतों में वर्तमान में चल रही अति आवश्यक श्रेणी के सीमित मामलों की वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की व्यवस्था आगामी चार जुलाई तक के लिए ब़़ढाने का फैसला किया था। इस दौरान पूर्ववत सीमित संख्या में कर्मचारियों व अधिकारियों को ही काम पर बुलाया जाएगा।
हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल राजेंद्र कुमार वाणी ने शनिवार को इस आशय की एडवाइजरी जारी की। एडवाइजरी के तहत राजधानी भोपाल व उज्जैन जिला अदालतों में पूर्व निर्देश के तहत सीमित संख्या में मामलों की सुनवाई जारी रहेगी। इंदौर जिला अदालत में चार जुलाई तक केवल जरूरी मामलों की ही सुनवाई की जाएगी। कंटेनमेंट क्षेत्र के निवासी जजों, कर्मियों को उनके निवास क्षेत्र के मुक्त होने तक काम पर नहीं बुलाया जाएगा।