Move to Jagran APP

मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट, कहा- गेहूं भीगने से नहीं हुआ नुकसान

सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने मध्य प्रदेश में गेहूं भीगने की खबर के बाद वस्तुस्थिति जानने के लिए सीएम शिवराज चौहान से बात की थी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 07:58 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 08:04 PM (IST)
मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट, कहा- गेहूं भीगने से नहीं हुआ नुकसान
मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट, कहा- गेहूं भीगने से नहीं हुआ नुकसान

भोपाल, राज्य ब्यूरो। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं भीगने के मामले में केंद्र सरकार को मध्य प्रदेश सरकार की ओर से रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें बताया गया कि प्रदेश में हुई बारिश से सिर्फ 0.13 फीसद गेहूं ही भीगा था। 126 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं की खरीद में 115 लाख मीट्रिक टन का भंडारण हो चुका है। बाकी गेहूं के परिवहन को लेकर भी तेजी से काम किया जा रहा है। भीगे गेहूं को सुखाकर भंडारण करने की कार्रवाई चल रही है। किसी किसान को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है। उधर उज्जैन, सागर में भंडारण क्षमता पूरी होने से रेलवे रैक के माध्यम से गेहूं दूसरे जिलों में भिजवाया जा रहा है।

loksabha election banner

रामविलास पासवान ने सीएम से की थी बात

सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने मध्य प्रदेश में गेहूं भीगने की खबर के बाद वस्तुस्थिति जानने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की थी। प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भी बारिश में गेहूं भीगने के बाद केंद्रीय मंत्री से बात कर उन्हें स्थिति बताई थी। खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि केंद्र को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। खरीद को लेकर नियमित तौर पर संवाद होता है और प्रगति से अवगत कराया जाता है। बारिश से गेहूं को नुकसान नहीं हुआ है। जो गेहूं भीगा भी था, वो सुरक्षित है। सुखाकर भंडारण करने का काम चल रहा है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इस बार विपरीत परिस्थिति के बावजूद गेहूं का रिकॉर्ड उपार्जन, परिवहन और भंडारण हुआ है। जिन जिलों में भंडारण क्षमता पूरी हो गई है, वहां से गेहूं दूसरे जिलों में भंडारण के लिए पहुंचाया जा रहा है। इसमें ट्रकों के अलावा रेलवे रैक का उपयोग भी किया जा रहा है।

उज्जैन, सागर से रेलवे रैक से हो रहा परिवहन

बताया जा रहा है कि उज्जैन और सागर से रेलवे रैक के माध्यम से गेहूं का परिवहन हो रहा है। भारतीय खाद्य निगम को भी पत्र लिखकर कहा गया है कि सेंट्रल पूल में गोदाम से गेहूं दूसरे राज्यों में भिजवाया जाए। उल्लेखनीय है कि करीब 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान पिछले साल का गोदामों में रखा हुआ है। सेंट्रल पूल में इसका उठाव न होने की वजह भंडारण व्यवस्था के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़ रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.