एमपी के वन मंत्री पहले दिन बोले, कोई खास नुकसान नहीं, दूसरे दिन कहा- एक फीसद जंगल को हुआ नुकसान
जंगल की आग बुझाए जाने को लेकर वन मंत्री ने कहा इसके लिए व्यापक रणनीति तैयार की जा रही है। एक माह के लिए चौकीदारों की व्यवस्था नाइट विजन के लिए ड्रोन की व्यवस्था एंबुलेंस की व्यवस्था ब्लोअर की व्यवस्था की जाएगी।
उमरिया, जेएनएन। एक दिन पहले तक मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह कह रहे थे आग से बांधवगढ़ के जंगल को कोई खास नुकसान नहीं हुआ। दूसरे दिन शनिवार को कहा एक फीसद यानी 15 सौ हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है। हालांकि यह कोई विशेष नुकसान नहीं है और इसके लिए कोई जिम्मेदार भी नहीं है। वन मंत्री ने पत्रकार वार्ता में बताया पार्क का मैंने भ्रमण कर नुकसान का जायजा भी लिया है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में आग से कोर व बफर जोन में नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन, वन अमले, ग्रामीणों व वन समितियों के सहयोग से आग पर 48 घंटे के भीतर काबू पा लिया गया। नेशनल पार्क में जैव विविधता एवं प्राकृतिक वातावरण बनाए रखने के लिए जंगल की सूखी लकड़ी न तो संकलित की जाती है, न ही उपयोग की जाती है। इसी कारण नेशनल पार्क में अग्नि दुर्घटना भयावह रूप ले लेती है।
अब होंगी ये व्यवस्थाएं
वन मंत्री ने कहा इसके लिए व्यापक रणनीति तैयार की जा रही है। एक माह के लिए चौकीदारों की व्यवस्था, नाइट विजन के लिए ड्रोन की व्यवस्था, एंबुलेंस की व्यवस्था, ब्लोअर की व्यवस्था की जाएगी। फायर फाइटर विमान की व्यवस्था का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। नेशनल पार्क में बाघों की संख्या अधिक होने से उनके बीच आपसी संघषर्ष के प्रकरण लगातार बढ़ रहे हैं। इसके लिए नेशनल पार्क के बाघों को अलग शिफ्ट किया जाएगा। पार्क में स्थित 10 गांवों के पुनर्वास व विस्थापन के प्रयास किए जा रहे हैं।
फील्ड डायरेक्टर पर इतनी कृपा क्यों
इधर, आरटीआइ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ट्वीट कर मांग की है जब वन मंत्री ने एक साल में बांधवगढ़ के छह दौरे किए तब जंगल में इतनी बड़ी आग कैसे लग गई, जो बुझाए नहीं बुझ रही थी। वन मंत्री की फील्ड डायरेक्टर पर इतनी कृपा क्यों बरस रही है।