Move to Jagran APP

Madhya Pradesh: चीतों की सुरक्षा करेंगे आधुनिक हथियारों से लैस पूर्व सैनिक, कूनो में होंगे तैनात

कूनो-पालपुर नेशनल पार्क के डीएफओ पीके वर्मा ने बताया कि पार्क में आने वाले चीतों सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र पूर्व सैनिक तैनात किए जा रहे हैं। पहले चरण में 16 सैनिक पालपुर क्षेत्र के पूर्वी और पश्चिम क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 06:51 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 06:51 PM (IST)
748.7618 वर्ग किलोमीटर में फैला है कूनो पार्क

श्योपुर, जेएनएन। कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीकी चीता आने की संभावना बढ़ने के साथ ही सुरक्षा की तैयारियां भी की जा रही हैं। पार्क में चीतों को कोई शिकारी नुकसान नहीं पहुंचा पाए, इसलिए सुरक्षा की जिम्मा वन विभाग के अलावा पूर्व सैनिक संभालेंगे। आधुनिक हथियारों से लैस 16 सैनिक पार्क में चीतों की सुरक्षा करेंगे। कूनो प्रबंधन ने इनके लिए सैनिक कल्याण बोर्ड, जबलपुर को पत्र लिखा है।

loksabha election banner

कूनो-पालपुर नेशनल पार्क के डीएफओ पीके वर्मा ने बताया कि पार्क में आने वाले चीतों सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र पूर्व सैनिक तैनात किए जा रहे हैं। पहले चरण में 16 सैनिक पालपुर क्षेत्र के पूर्वी और पश्चिम क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (WLII) ने पार्क की सुरक्षा के लिए भूतपूर्व सैनिक रखने की मंजूरी दे दी है। ये सैनिक पार्क में घुसने वाले शिकारियों सहित अन्य आगंतुकों पर नजर रखकर चीतों सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा करेंगे। अप्रैल के अंतिम सप्ताह के ये सैनिक मिल जाएंगे।

इसलिए पड़ी जरूरत

भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के डीन डॉ. वायवी झाला और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कमर कुरैशी फरवरी में कूनो आए थे। उनके साथ आए 10 जूनियर वैज्ञानिक (रिसर्च स्कालर्स) यहां वन्यजीवों के रखरखाव को लेकर अध्ययन कर रहे हैं। अध्ययन दल ने पार्क में सुरक्षा बढ़ाने का सुझाव दिया है। हाल ही में अध्ययन दल द्वारा लगाए कैमरे चोरी होने के बाद विशेष सुरक्षा इंतजाम पर जोर दिया जा रहा है।

748.7618 वर्ग किलोमीटर में फैला है पार्क

कूनो पार्क का क्षेत्रफल 748.7618 वर्ग किलोमीटर है। अफ्रीका के नामीबिया से कूनो में चीता लाने की तैयारियों के बीच कूनो प्रबंधन सुरक्षा के लिहाज से हर तरीके से तैयारी कर रहा है। भूतपूर्व सैनिकों के साथ ही विभाग के मैदानी कर्मचारियों को भी हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, जिससे वे भी प्रतिबंधित पार्क में अवैध तरीके से घुसने वालों पर कार्रवाई कर सकें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.