Move to Jagran APP

मध्य प्रदेश में कोरोना रोधी टीकाकरण में तेजी के बावजूद अनेक कारणों से कायम संक्रमण का खतरा

मध्य प्रदेश में कोरोना से मिले दर्द के चलते ही लोग टीका लगवाने के अभियान में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। धूप में लंबी-लंबी कतारों में घंटों खड़े रहने के बाद भी हार नहीं मानते। टीकाकरण का कवरेज बढ़ाने के लिए यहां कई नवाचार भी किए गए।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 09:56 AM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 09:57 AM (IST)
मध्य प्रदेश में कोरोना रोधी टीकाकरण में तेजी के बावजूद अनेक कारणों से कायम संक्रमण का खतरा
प्रदेश में कोरोना रोधी टीकाकरण में तेजी के बावजूद अनेक कारणों से कायम संक्रमण का खतरा। फाइल

संजय मिश्र। देश के बड़े राज्यों के मुकाबले मध्य प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या फिलहाल बेहद कम है, लेकिन चुनौती अभी खत्म नहीं हुई है। प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के करीब चार हजार से अधिक मामले वाले महाराष्ट्र से सीमा लगने के कारण खतरा बना हुआ है। वहां से लोगों की आवाजाही ज्यादा रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कई एहतियाती कदम उठाए हैं। महाराष्ट्र, केरल आदि राज्यों से ट्रेनों, बसों एवं हवाई जहाज से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है, लेकिन पिछले अनुभव बताते हैं कि सिर्फ इतना करने से ही चुनौती समाप्त नहीं होने वाली।

loksabha election banner

सरकार भी इसे मानती है, इसीलिए उसने समूचे प्रदेश में आबादी के अनुपात में 30 सितंबर तक सबको कोरोना से बचाव का पहला डोज लगा लेने का निश्चय किया है। इसके साथ ही 31 दिसंबर तक सबको दूसरा डोज भी लगा देने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विशेष सक्रियता के कारण मध्य प्रदेश ने अब तक लगभग 74 फीसद लोगों को टीके का पहला डोज लगा दिया है। लक्ष्य की तुलना में मध्य प्रदेश से आगे बड़े राज्यों में सिर्फ गुजरात है, जिसने अपने 75 फीसद नागरिकों को पहला डोज लगा दिया है।

निश्चित रूप से सरकार की ये कोशिशें राज्य के नागरिकों को कोरोना से बचाने में महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं। कोरोना की दूसरी लहर ने मध्य प्रदेश को भी गहरे जख्म दिए थे। संक्रमित मरीजों की संख्या अप्रैल में प्रतिदिन 13 हजार तक पहुंच गई थी, जबकि सक्रिय मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक हो गई थी। कोरोना से कुल 10516 लोगों की मौत हुई थी जिसमें 6651 लोगों की मौत दूसरी लहर में हुई थी। इस क्षति से उबरने में ही श्रम व साधन काफी लग रहे हैं। सुखद स्थिति यह है कि बचाव के अब तक किए गए उपायों के कारण फिलहाल तीसरी लहर की आशंका नहीं दिख रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में प्रतिदिन औसतन 70 हजार लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच हो रही है, जिसमें बमुश्किल 11 से 20 ही संक्रमित प्रतिदिन मिल रहे हैं। उन्हें भी अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती।

माना जा रहा है कि सरकार द्वारा बरती गई सख्ती के कारण आई जागरूकता एवं चार करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाए जाने से ही यह स्थिति आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि जांच, टीकाकरण एवं सुरक्षा उपायों को लेकर जब तक सख्ती बनी रहेगी, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका दूर रहेगी। राष्ट्रीय पैमाने पर देखें तो मध्य प्रदेश का टीकाकरण अभियान कई राज्यों के लिए प्रेरित करने वाला है। यहां 18 साल से ऊपर के 5.48 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाना है। अभी तक 4.03 करोड़ लोगों को पहला डोज लगाया जा चुका है। यानी लक्ष्य के मुकाबले 73.6 फीसद लोगों को पहले डोज का टीकाकरण हो चुका है।

यहां हर दिन टीकाकरण को अभियान की तरह लिया जा रहा है। दो महाअभियान भी चलाए गए, जिन्हें उत्सव की शक्ल दी गई। बेहतर प्रयासों का नतीजा है कि बुधवार की सुबह तक प्रदेश नागरिकों को टीके का सर्वाधिक पहला डोज लगाने वाले बड़े राज्यों में दूसरे पायदान पर आ गया है। इसके आगे सिर्फ गुजरात है। हालांकि, पहला और दूसरा दोनों डोज मिलाकर टीकाकरण की बात करें तो देश में सबसे ज्यादा 8.24 करोड़ लोगों को उत्तर प्रदेश में, 6.4 करोड़ लोगों को महाराष्ट्र में, करीब पांच करोड़ लोगों को गुजरात में और इसके बाद 4.95 करोड़ लोगों को मध्य प्रदेश में टीका लगाया गया है।

मध्य प्रदेश में कहीं पर पीले चावल देकर टीका लगवाने के लिए लोगों को बुलाया गया तो कहीं पर इसके लिए सख्ती भी की गई। टीका नहीं लगवाने वालों को कई जगह प्रवेश से रोकने की व्यवस्था की गई। कलाकारों, खिलाड़ियों और जनप्रतिनिधियों को अभियान से जोड़कर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया। अब दूसरा डोज लगवाने के लिए लोगों को फोन करके बुलाया जा रहा है। पहले से आनलाइन बुकिंग की बंदिश भी खत्म कर दी गई है। कुछ जिलों में लोगों के घर के नजदीक मोबाइल वैन भी चलाई जा रही हैं। दोनों डोज लगवाने वालों को कुछ जिलों में जिला प्रशासन तो कहीं सामाजिक संगठन पुरस्कार भी दे रहे हैं।

[स्थानीय संपादक, नवदुनिया, भोपाल]


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.