Lunar Eclipse 2019: भारत में नहीं दिखा साल का पहला चंद्रग्रहण, लेकिन पड़ेगा असर
Lunar Eclipse 2019: साल का पहला चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया, लेकिन पंडितों की मानें तो इसका असर दिखाई पड़ेगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। Lunar Eclipse 2019, साल 2019 का चंद्रग्रहण भारत में नजर नहीं आया, लेकिन पंडितों की मानें तो इसका असर यहां जरूर दिखेगा। भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण सुबह 10.11 बजे से शुरू हुआ और 11.12 बजे तक चला। पंडितों के मुताबिक, सूतक 20 जनवरी की रात 9 बजे से ही शुरू हो गया था। ग्रहण के दोषकाल वाले समय को सूतक कहा जाता है। कहते हैं चंद्रग्रहण का सूतक काल नौ घंटे पहले ही शुरू हो जाता है।
भारत में नहीं दिखाई देगा ग्रहण
वैज्ञानिकों द्वारा सुपर ब्लड मून (Super Blood Moon) कहा जा रहा यह चंद्रग्रहण केवल अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत के देशों में ही दिखाई देगा। पूर्ण चंद्रग्रहण के भारत में नहीं दिखाई देने के बावजूद यह आध्यात्म व ज्योतिष के नजरिए से भारत के लिए बेहद अहम है। कहा जा रहा है कि भारतीय मौसम और वातावरण पर इसका खासा असर पड़ेगा।
क्या है 'सुपर ब्लड मून'?
- पूर्ण चंद्र ग्रहण को सुपर ब्लड मून कहा जाता है।
- वैज्ञानिकों के मुताबिक, पूर्ण चंद्र ग्रहण में चंद्रमा आम दिनों के मुकाबले 14 फीसद बड़ा और 30 फीसद से ज्यादा चमकीला दिखाई देता है।
- इस दौरान चांद का रंग लाल हो जाता है, जिस कारण इसे सुपर ब्लड मून कहा जाता है।
- इस दौरान सूर्य की रोशनी पृथ्वी से होकर चंद्रमा पर पड़ती है, इसी छाए से चांद का रंग भी ग्रहण के दौरान बदल जाता है।
- पश्चिमी देशों में इस चंद्र ग्रहण का एक और नाम 'सुपर ब्लड वुल्फ मून' भी है।
ग्रहण के दौरान बरते ये सावधानियां
- ग्रहण के वक्त गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, रोगी और बच्चों को बाहर नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से करीब 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। ग्रहण से पहले या बाद में ही खाना खाएं। इसके साथ जिस दिन ग्रहण हो उस दिन किसी शुभ काम की शुरुआत न करें।
- सुई और नुकीली चीजों का उपयोग भी नहीं करना चाहिए। अपने कक्ष तुलसी और नीम के पत्ते रखना चाहिए।