Lunar Eclipse 2019 : चंद्रग्रहण 2019, देखें देश के अलग-अलग हिस्सों से आईं तस्वीरें व वीडियो
Lunar Eclipse 2019 Live Update ये साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण है। इस चंद्र ग्रहण को भारत समेत कई देशों में देखा गया।
नई दिल्ली, जेएनएन। Lunar Eclipse 2019 Live Update: चंद्रग्रहण रात 1 बजकर 31 मिनट शुरू हो गया है। जो सुबह 04 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगा। ग्रहण की कुल अवधि 2.59 घंटे होगी। यह आंशिक चंद्र ग्रहण है। और इसी के साथ ये साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण भी है।
चंद्र ग्रहण से पहले ठीक 9 घंटे पहले यानी कि शाम 4:30 बजे से सूतक लगा था। इस चंद्र ग्रहण को भारत समेत ऑस्ट्रेलिया, एशिया लेकिन यहां के उत्तर-पूर्वी भाग को छोड़ कर, अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका के ज्यादातर भाग देखा जा रहा है।
#WATCH Delhi: Partial #LunarEclipse, as seen in the cloudy skies of Delhi. The partial eclipse began at 1.31 AM. pic.twitter.com/5NvHXBUBXQ — ANI (@ANI) July 16, 2019
- काशी, प्रयाग, हरिद्वार में काफी संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा रहे हैं।
महाराष्ट्र में एेसे दिख रहा है चंद्रग्रहण।
ओडिसा में कुछ इस तरह से दिख रहा है चंद्रग्रहण।
दिल्ली में इस तरह दिख रहा है चंद्रग्रहण।
खास है इस बार का चंद्र ग्रहण
चंद्रग्रहण की यह घटना अपने आप ऐतिहासिक है। इस बार के चंद्र ग्रहण की दो खास बातें हैं। पहली यह कि 149 साल बाद गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगा है। गुरु पूर्णिमा के दिन हिंदू और बौद्ध मतावलंबी अपने आध्यात्मिक गुरुओं एवं शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करते हैं।
देश में कब दिखेगा चंद्र ग्रहण?
भारतीय समयानुसार चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की रात 1 बजकर 31 मिनट पर शुरू हुआ है जो 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगा। चंद्रमा 16-17 जुलाई की मध्य रात्रि को 12:13 बजे को पृथ्वी की बाहरी छाया और 1:31 बजे केंद्रीय छाया के अधीन आ जाएगा। रात के तीन बजे चंद्र ग्रहण का सबसे ज्यादा असर दिखेगा जब चांद के सबसे बड़े हिस्से पर पृथ्वी की छाया पड़ेगी और वह काला दिखने लगेगा।
चांद के रंग में बदलाव
खगोलशास्त्रियों के मुताबिक, यह पूरा चंद्र ग्रहण नहीं है, पर हमें चांद के रंग में फेरबदल दिख सकता है। दरअसल, फुल बक मून का 65 फीसद पृथ्वी के अंब्र में प्रवेश करेगा। चंद्रमा के रंग की भविष्यवाणी करना मुश्किल है, क्योंकि पृथ्वी के वायुमंडल की स्थिति इस पर असर डालती है।
खुले स्थान या छत से कर सकते हैं चांद का दीदार
आप चाहे तो खुले मैदान, छत या फिर पास के किसी पार्क में जाकर चांद का दीदार कर सकते हैं। सिर्फ चश्मे ही नहीं इस ग्रहण को देखने के लिए आपको किसी भी तरह से खास आंखों को प्रोटेक्ट करने वाले साधन की ज़रूरत नहीं है।
मंदिरों के पट बंद
सूतक के कारण देश के सभी मंदिरों के पट शाम 4:00 से बजे बंद हो गए हैं। यह कल सुबह 5:00 बजे खुलेंगे। करीब 13 घंटे मंदिरों के पट बंद रहेंगे। पट बंद होने के बाद शाम को मंदिर परिसर में भजन कीर्तन हुआ।
इन जगहों पर दिख रहा चंद्र ग्रहण
यह आंशिक चंद्रग्रहण है जो अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम उत्तर पूर्वी हिस्सों को छोड़कर देश भर में देखा जा रहा है।दुनिया भर में यह ग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका के अधिकतर हिस्सों में दिखाई दे रहा है।
ऐसे देखें चंद्र ग्रहण लाइव
अगर आप लाइव चंद्र ग्रहण देखना चाहते है तो आप नासा की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर देख सकते है। इसके लिए आप www.nasa.gov में जा सकते है।
नंगी आंखों से सीधे देख सकते हैं चंद्रग्रहण
एक्सपर्ट्स की मानें तो Lunar eclipse 2019 यानी पूर्ण चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूरी तरह से सेफ है और इससे आपकी आंखों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता। दरअसल, चंद्रग्रहण के 2 फेज होते हैं- एक है आंशिक फेज जिसमें चंद्रमा का कुछ हिस्सा धरती की परछाई से गुजरता है और दूसरा है पूर्ण चंद्रग्रहण जिसमें पूरा चंद्रमा, धरती की परछाई से गुजरता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो सूर्य ग्रहण की तरह चंद्रग्रहण को देखने के लिए किसी तरह के स्पेशल ग्लासेज की जरूरत नहीं होती और आंशिक चंद्रग्रहण हो या फिर पूर्ण चंद्रग्रहण दोनों को ही नंगी आंखों से देखना पूरी तरह से सेफ है।
दूरबीन या टेलिस्कोप से भी देख सकते हैं
एक्सपर्ट्स की मानें तो चंद्रग्रहण एक ऐसी आकाशीय घटना है जिसे आंखों से देखना पूरी तरह से सुरक्षित है और चंद्रग्रहण के शुरू होने से लेकर खत्म होने तक आप इसे सीधे आंखों से देख सकते हैं। आप चाहें तो चंद्रग्रहण देखने के लिए आप दूरबीन या टेलिस्कोप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही इन चीजों को इस्तेमाल करते वक्त आपको किसी तरह के स्पेशल फिल्टर की भी जरूरत नहीं होती।
क्या होता है आंशिक चंद्र ग्रहण
आंशिक चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) तब होता है जब सूरज और चांद के बीच पृथ्वी घूमते हुए आती है, लेकिन वे तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते। ऐसी स्थिति में चांद की छोटी सी सतह पर पृथ्वी के बीच के हिस्से की छाया पड़ती है, जिसे अंब्र कहते हैं। चांद के बाकी हिस्से में पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया पड़ती है, जिसे पिनम्ब्र कहते हैं। इस दौरान चांद के एक बड़े हिस्से में हमें पृथ्वी की छाया नजर आने लगती है।
प्राकृतिक आपदाओं का भी खतरा!
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार ग्रहों की यह दशा तनाव बढ़ा सकती है और भूकंप, बाढ़ या तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बना हुआ है। आम लोगों पर भी इस ग्रहण का कुछ न कुछ प्रभाव पड़ता दिखाई दे रहा है।