केरल में COVID महामारी के दौरान जन्मदर में कमी, कुछ अलग बयां करती है इस राज्य की कहानी
केरल में जुलाई 2020 में 37138 बच्चों ने जन्म लिया था। लेकिन जुलाई 2021 में राज्य में जन्म में 10684 बच्चों के रूप में की गिरावट दर्ज की गई जो COVID-19 महामारी के दौरान जीवित जन्मों में तेजी से गिरावट आने का संकेत देता है।
तिरुवनंतपुरम, पीटीआइ। मार्च 2020 में COVID-19 को महामारी घोषित किए जाने के बाद से भारत में 9 महीनों में सबसे अधिक जन्में जाएंगे, ऐसा अनुमान लगाया गया था, लेकिन दक्षिणी राज्य केरल एक अलग कहानी बयां करता है। राज्य सरकार के आंकड़ों ने बताया कि केरल महामारी के दौरान जन्म में कमी देखी गई है। इस भविष्यवाणी के विपरीत कि लाकडाउन की अवधि में बच्चों के जन्म में उछाल आएगा। कपल घरों में ज्यादा समय एक साथ समय बिता सकेंगे, इस कारण बच्चों के जन्म में उछाल का अनुमान लगाया गया था।
केरल में जुलाई 2020 में 37,138 बच्चों ने जन्म लिया था। लेकिन जुलाई 2021 में राज्य में जन्म में 10,684 बच्चों के रूप में की गिरावट दर्ज की गई, जो COVID-19 महामारी के दौरान जीवित जन्मों में तेजी से गिरावट आने का संकेत देता है। इसके अनुसार, इस वर्ष के पहले नौ महीनों में दक्षिणी राज्य में जीवित जन्मों में भारी गिरावट देखी गई।
राज्य ने जनवरी 2020 में 36,414 जन्म दर्ज किए थे, लेकिन जनवरी 2021 में यह घटकर 30,335 रह गए। इस साल सितंबर को समाप्त होने वाले महीनों के लिए जन्म के आंकड़े हाल के दशकों में सबसे कम थे। यह केरल के जन्म और मृत्यु के मुख्य रजिस्ट्रार के आंकड़ों से पता चलता है।
मार्च 2020 में, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अनुमानित 116 मिलियन बच्चे भारत में COVID-19 महामारी के समय छाया में पैदा होंगे। यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 मार्च को COVID-19 को महामारी घोषिक किए जाने के 40 सप्ताह बाद तक इन बच्चों के पैदा होने का अनुमान है।