समाज और धर्म की बंदिशें दरकिनार कर शादी के बंधन में बंधेंगे UPSC के दो टॉपर्स
यूपीएससी एग्जाम में नंबर वन और नंबर टू पर रहने वाले अतहर और टीना डाबी जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। टीना बताती हैं कि दोनों परिवार उनके इस फैसले से काफी खुश हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। वर्ष 2015 के सिविल सर्विस एग्जाम में टॉप फाइव में आने वाले अतहर आमिर-उल-शफी खान और टीना डाबी जल्द ही शादी के बंधन में बंधनेे वाले हैं। इस एग्जाम में टीना जहां नंबर वन पर थीं वहीं शफी दूसरे नंबर पर थे। यहीं से उनकी प्रेम कहानी भी शुरू हुई। फिलहाल दोनों की मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी फॉर ऐडमिनिस्ट्रेशन में ट्रेनिंग चल रही है।
एक अंग्रेजी अखबार ने टीना के हवाले से लिखा है कि उनकी और अथर की शादी की तारीख तो फिलहाल तय नहीं हुई है, लेकिन दोनों की सगाई बहुत जल्द होने वाली है। दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाली 22 वर्षीय टीना को यूपीएससी फाइनल में 2,025 अंकों में से 1,063 अंक (52.49 फीसदी) मिले थे। वहीं दूसरा स्थान हासिल करने वाले जम्मू-कश्मीर के अतहर आमिर उल शफी खान को 1,018 अंक (50.27 फीसदी) अंक मिले थे।
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टीना बताती हैंं कि 11 मई को दोनों की पहली बार मुलाकात नॉर्थ ब्लॉक स्थित डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के दफ्तर में हुई थी। बस वहीं पर पहली नजर में ही दोनों को प्यार हो गया। उन्होंने कहा, 'हम सुबह मिले और शाम को अतहर मेरे दरवाजे पर था। अगस्त का महीना आते-आते मुझ पर भी उसका जादू चल गया था।' वह अथर की गंभीरता और उनके धीरज के लिए उन्हें हर दिन धन्यवाद देती हैं। उनकी निगाह में अथर एक अद्भुत इंसान हैं।
टीना और अतहर ने अपने रिश्ते को कभी दुनिया से छिपाया नहीं। फेसबुक पर हमेशा ही दोनों साथ में छुट्टियां मनाने और घूमने फिरने की तस्वीरें पोस्ट करते रहते हैं। टीना कहती हैं, 'हम एक-दूसरे से प्यार करते हैं और बहुत खुश हैं। लेकिन जब वह अपने और अतहर के बारे में सोशल मीडिया पर चल रही कुछ बेहुदा बातों और सवालों को पढ़ती हैंं, तो उनपर गुस्सा जरूर हो जाती हैं। यही वजह है कि उन्होंने अब इस बारे में पढ़ना और सोचना दोनों ही बंद कर दिया है। वह मानती हैं कि उन्हें पब्लिक के सामने रहने की कीमत चुकानी पड़ रही है।
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अपनी बातों को बिंदास तरीके से रखने वाली टीना रिजर्व कैटेगिरी से आती हैं। वह मानती हैं कि आज के इस बदलते दौर में लोगों की दलितों के प्रति मानसिकता में कोई खास बदलाव नहीं आया है। उन्हें लगता है कि कोई भी दलित व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता है। इसी सोच को बदलना होगा। उन छात्रों की मदद करना चाहती हैं जिनकी प्रतिभा किसी अभाव के चलते पूरी तरह से सामने नहीं आ पाती है।
टीना कहती हैं कि वह पूरी तरह से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर महिला हैं और अपने लिए किसी व्यक्ति का चुनाव करने का अधिकार है। टीना के मुताबिक उनके इस फैसले से दोनों की फैमिली भी काफी खुश है। हालांकि वह यही भी मानती हैं कि कुछ कट्टरवादी सोच के लोग भी उनके इर्द-गिर्द मौजूदा हैं जो सिर्फ नकारात्मक बातें कहते हैं। लेेकिन ऐसे लोग महज 5 फीसदी ही हैं।
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अखबार के मुताबिक वह उन लोगों का भी धन्यवाद अदा करने से नहीं चूकती हैं जो उनके इस फैसले का खुलकर समर्थन करते हैं। उनका कहना है कि कड़ी मेहनत, ईश्वर के आशीर्वाद और भाग्य के साथ की वजह से वह इस एग्जाम में अव्वल रही हैं, लेकिन अभी फील्ड में खुद को साबित करना बाकी है।
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