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Om Birlas Father Passes Away: लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला के पिता श्रीकृष्‍ण बिरला का निधन

कृष्‍ण बिरला का अंतिम संस्‍कार आज कोटा के ही किशोरपुरा मुक्तिधाम में होगा। यहां कोरोना संक्रमण की गाइडलाइंस का पालना करते हुए उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। श्रीकृष्ण बिरला का जन्म 12 जून 1929 को कोटा जिले के कनवास में हुआ था।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 12:42 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 12:42 AM (IST)
Om Birlas Father Passes Away:  लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला के पिता श्रीकृष्‍ण बिरला का निधन
श्रीकृष्‍ण बिरला का अंतिम संस्‍कार आज कोटा के ही किशोरपुरा मुक्तिधाम में होगा

नई दिल्‍ली, एएनआइ। लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला के पिता श्रीकृष्‍ण बिरला का मंगलवार को निधन हो गया। वह 91 साल के थे। श्रीकृष्‍ण बिरला पिछले कुछ समय सक बीमार थे। उन्‍होंने राजस्‍थान के कोटा में अंतिम सांस ली। ओम बिरला को जब पिता तबीयत ज्‍यादा खराब होने की सूचना मिली, तो उन्‍होंने अपने सभी कार्यक्रम स्‍थगित कर दिए थे। बता दें कि श्रीकृष्‍ण बिरला कोटा के दिग्‍गज समाजसेवी रहे। वह कर्मचारियों की सभी 108 में भी कई महत्‍वपूर्ण पदों पर रहे। वह अलग ही व्‍यक्तित्‍व के स्‍वामी थे, हर किसी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते। इसलिए श्रीकृष्‍ण बिरला को सहकारिता क्षेत्र में पितामह कहा जाता था।

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कोटा के किशोरपुरा मुक्तिधाम में होगा अंतिम संस्‍कार

बताया जा रहा है कि श्रीकृष्‍ण बिरला का अंतिम संस्‍कार आज कोटा के ही किशोरपुरा मुक्तिधाम में होगा। यहां कोरोना संक्रमण की गाइडलाइंस का पालना करते हुए उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। श्रीकृष्ण बिरला का जन्म 12 जून 1929 को कोटा जिले के कनवास में हुआ था। 1950 में मेट्रिक करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक कनवास तहसील में अंग्रेजी क्लर्क के रूप में कार्य किया। इसके बाद वह कस्टम एक्साइज विभाग, कार्यालय अधीक्षक, ओएस फर्स्ट ग्रेड जैसे पदों पर काम किया। साल 1986 में श्रीकृष्‍ण बिरला कोटा के वाणिज्यिक कर विभाग में आए, जहां उन्होंने 1988 तक कार्य किया।

राजस्थान में पुकारे जाते थे सहकार पुरुष

श्रीकृष्ण बिरला ने हमेशा मजदूरों की भलाई के बारे में सोचा और समय-समय पर उनके लिए बुलंद स्‍वर में आवाज भी उठाई। वह वर्ष 1963 से कोटा कर्मचारी सहकारी समिति लि 108 आर के सचिव रहे। इसके बाद 26 सालों तक समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्‍होंने कोटा कर्मचारी सहकारी समिति को राजस्थान में एक नई पहचान दिलाई। यही वजह रही कि श्रीकृष्‍ण बिरला काफी लोकप्रिय हो गए थे, राजस्थान में वह सहकार पुरुष के नाम से जाने जाते हैं।


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