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असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ श्रमिकों को मिलेगी सुरक्षा, लोकसभा से तीन श्रम विधेयक पारित

नए कानून के तहत सभी प्रवासी श्रमिकों को साल में एक बार अपने मूल निवास पर जाने के लिए सरकार की तरफ से सुविधा मुहैया कराई जाएगी। महिला श्रमिक रात की पाली में भी काम कर सकेंगी। फिक्स्ड टर्म स्टाफ को भी स्थायी श्रमिकों की तरह सारी सुविधाएं मिलेंगी।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 12:23 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 12:23 AM (IST)
असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ श्रमिकों को मिलेगी सुरक्षा, लोकसभा से तीन श्रम विधेयक पारित
73 साल के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बहुप्रतीक्षित नए श्रम विधेयक को लोक सभा में पारित कर दिया गया। नए श्रम कानून से देश के संगठित व असंगठित दोनों ही प्रकार के श्रमिकों को कई प्रकार की नई सुविधाएं मिलेंगी। सभी श्रमिकों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा। उनके वेतन का डिजिटल भुगतान करना होगा। साल में एक बार सभी श्रमिकों का हेल्थ चेकअप भी अनिवार्य किया गया है। वहीं, उद्यमियों के कारोबार को आसान बनाने के लिए कई प्रावधान लाए गए हैं। लोकसभा ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। जबकि बुधवार को इसे राज्यसभा से भी मंजूरी मिल सकती है।

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73 साल के इतिहास में पहली बार श्रम कानून में ऐसे बदलाव

मंगलवार को लोक सभा में केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशाएं (ओएसएस) संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता एवं सामाजिक सुरक्षा संहिता को पेश किया और कहा कि 73 साल के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव किए जा रहे हैं, जो नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। मजदूरी संहिता पहले ही अधिसूचित हो चुकी है। इन चार संहिताओं में पुराने 29 कानून को एकीकृत किया गया है।

अब स्‍वयं दूसरे राज्‍यों में जाने वाले श्रमिक भी प्रवासी

पिछले दिनों में प्रवासी मजदूरों को लेकर काफी राजनीति हुई है। ऐसे में गंगवार ने एक-एक कर श्रमिकों को मिलने वाले लाभ गिनाए। पहले ठेकेदारों की ओर से एक राज्य से दूसरे राज्य में लाए गए श्रमिक ही प्रवासी होते थे, लेकिन स्वयं आने वाले श्रमिकों के साथ नियोक्ताओं द्वारा दूसरे राज्य के श्रमिकों को काम पर रखे जाने पर उन्हें प्रवासी श्रमिकों की श्रेणी में रखा जाएगा और उन्हें ओएसएच कोड का लाभ मिल पाएगा। प्रवासी मजदूरों का डाटा रखने के लिए लेबर ब्यूरो बनाया जाएगा, जिसके तहत सभी प्रवासी श्रमिकों की विस्तृत जानकारी होगी। सभी राज्यों व विभागों से प्रवासी मजदूरों का डाटा लिया जाएगा।

प्रवासी श्रमिकों को साल में एक बार घर जाने के लिए सरकार मुहैया कराएगी सुविधा

नए कानून के तहत सभी प्रवासी श्रमिकों को साल में एक बार अपने मूल निवास पर जाने के लिए सरकार की तरफ से सुविधा मुहैया कराई जाएगी। अपनी इच्छा से महिला श्रमिक रात की पाली में भी काम कर सकेंगी। फिक्स्ड टर्म स्टाफ को भी स्थायी श्रमिकों की तरह सारी सुविधाएं मिलेंगी। यहां तक कि एक साल के कांट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी को ग्रेच्युटी जैसी सुविधा भी मिलेगी। अभी कम से कम पांच साल काम करने पर ही ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है।

40 करोड़ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा फंड का निर्माण

असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 40 करोड़ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा फंड का निर्माण किया जाएगा। देश के सभी जिलों में ईएसआईसी की सुविधा होगी। खतरनाक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को अनिवार्य रूप से ईएसआईसी से जोड़ा जाएगा। सेल्फ असेस्मेंट के आधार पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिक अपना इलेक्ट्रॉनिक पंजीयन करा सकेंगे। घर से कार्य पर आने व जाने के दौरान दुर्घटना होने पर कर्मचारी कंपनसेशन का हकदार होगा। अपने दादा-दादी को भी कर्मचारी आश्रितों में जोड़ सकेगा।

एक ही लाइसेंस से उद्यमी देश के किसी भी कोने में कर सकेगा काम

इसके साथ ही उद्यमियों को यूनिट चलाने के लिए अब सिर्फ एक पंजीयन कराना होगा। अभी उन्हें छह प्रकार का पंजीयन कराना होता है। उसी प्रकार से उद्यमियों को सभी प्रकार के श्रम संबंधी संहिता के पालन को लेकर सिर्फ एक रिटर्न दाखिल करना होगा। अभी आठ प्रकार के रिटर्न दाखिल करने पड़ते हैं। श्रम इंस्पेक्टर बिना बताए यूनिट के निरीक्षण के लिए नहीं जाएंगे। फेसलेस तरीके से यूनिट का रैंडम निरीक्षण किया जाएगा। उद्यमियों को श्रम कानून में इस प्रकार की सुविधाएं मिलने से विदेशी निवेश को आकर्षित करने में काफी मदद मिलेगी। दुनिया के कई देश भारत के वर्तमान जटिल श्रम कानून को निवेश में बाधा मानते हैं। श्रम कानून को नियोक्ता के लिए आसान बनाने से वर्क फ्रॉम होम कल्चर को प्रोत्साहन मिलेगा। उद्यमी एक ही लाइसेंस से देश के किसी भी कोने में काम कर सकेगा।


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