‘जान भी जहान भी’ की बात कहकर पीएम मोदी ने दिए लॉकडाउन आगे बढ़ाने के संकेत
पीएम मोदी ने दिए लॉकडाउन तो आगे बढ़ाने के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए समृद्ध और स्वस्थ भारत के दोनों पहलुओं को जरूरी बताया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जान भी जहान भी’ की बात कहकर लॉकडाउन तो आगे बढ़ाने के संकेत दे दिए हैं। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए समृद्ध और स्वस्थ भारत के दोनों पहलुओं पहलुओं को जरूरी बताया। इससे पहले देश को संबोधित करते हुए घर में रहने और शारीरिक दूरी के नियम पालन को कोरोना की रामबाण काट करार दिया था। अब जान के साथ जहान भी जरूरी हो चला है। क्योंकि लड़ाई विकट है। लोग विकल हैं। चीन से साढ़े तीन महीने पहले चला चंद माइक्रोमीटर का एक अदना सा वायरस दुनिया को घुटने टिकवाने पर आमादा है।
यह बात सही है कि भारत में अभी कोरोना वायरस से संक्रमित लोग और मरने वालों की संख्या अमेरिका सहित तमाम यूरोपीय देशों के मुकाबले बहुत कम है, लेकिन जिस हिसाब से इन दोनों मदों में इजाफा हो रहा है, भयभीत करने वाला है। जितनी बर्बरता के साथ यह वायरस आगे बढ़ रहा है, उतनी ही शिद्दत के साथ इंसानियत अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए सामने आ रही है। शायद इस पिद्दी से वायरस को इंसानों की जीवटता, संकल्प और नवोन्मेष का इल्म नहीं है। धरती पर यह एकदम नया है।
अपने पूर्वजों के इतिहास से इसे सीखना चाहिए। वे लोग भी जब आए तो कोहराम बरपाना शुरू किए, लेकिन कुछ ही दिनों में जैसे ही उनकी चाबी तलाश ली गई, इस ग्रह से रफूचक्कर होने में देर नहीं लगाई। तेरा क्या होगा कोरोना? वही होगा जो तेरे पूर्वजों का होता आया है। कुछ ही दिनों की देर है। टीका आते ही तुम्हारा राम नाम सत्य तय है। तब तक हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति हमारे अस्तित्व की ढाल बनी रहेगी।
घरों में रहकर, शारीरिक दूरी बनाकर, मास्क लगाकर, सैनिटाइज के सारे दिशानिर्देशों का पालन करके कष्ट सह लेंगे, लेकिन कोरोना बिना तुम्हारा समूल नाश किए चैन से नहीं बैठेंगे। जान के साथ-साथ जहान यानी अर्थव्यवस्था की भी चिंता हमारे हर कदम से परिलक्षित होगी। तुमसे निपटने के साथ ही समृद्धि को संवारना ही असली राष्ट्रभक्ति होगी। समझे कुछ। इंसानियत जिंदाबाद थी, है और रहेगी। आमीन।
चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित पहले मामले से अब तक सौ दिन बीत चुके हैं। इस दौरान 15 लाख से ज्यादा लोग दुनिया के 192 देशों में संक्रमित हो चुके हैं। मौतों का आंकड़ा भी लाख को छूने जा रहा है। अरबों की संख्या में लोग घरों में कैद होने को विवश हैं। अर्थव्यवस्था, शेयर मार्केट और रोजगार सब रसातल में पहुंचने का रिकार्ड बना रहे हैं। आइए जानते हैं कि इस वायरस ने कैसे दुनिया को अपने नन्हें से आकार में समेट लिया है। चीनी वैज्ञानिकों ने एक वायरस को अलग किया जिसे बाद में कोरोना वायरस के एक नए प्रकार के रूप में पहचाना गया।
दिन | मामले | मौत | खास | |
7वां दिन: 6 जनवरी, 2020 | 53 मामले | वायरस ने पहली जान ली जिसकी घोषणा चीन ने दो दिन बाद की। | ||
10वां दिन: 9 जनवरी 2020 | 63 मामले | 01 मौतें | वुहान में लाकडाउन हुआ। विश्व स्वास्थ्य संगठन को इंसान से इंसान में संक्रमण का पता चला। | |
24वां दिन 23 जनवरी | 654 मामले | 18 मौतें | ब्रिटेन ने अपने पहले संक्रमण के मामले की घोषणा की | |
32वां दिन 31 जनवरी | 9927 मामले | 213 मौतें | रोग को कोविड-19 नाम दिया गया। | |
43वां दिन 11 फरवरी | 44,802 मामले | 1,113 मौतें | अफ्रीका में मामले सामने आए। फ्रांस में इस संक्रमण से पहली मौत हुई। | |
46वां दिन 14 फरवरी | 66,885 मामले | 1,523 मौतें | कोरोना से इटली में तीन मौतें हुईं। वहां पर तमाम आयोजन रद होने लगे। | |
55वां दिन 23 फरवरी | 78,958 मामले | 2,469 मौतें | इटली का सबसे प्रभावित इलाका लामबार्डी लाकडाउन के हवाले हुए। ईरान में बुरी तरह से संक्रमण फैला। | |
69वां दिन 8 मार्च | 1,09,821 मामले | 3,802 मौतें | विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीमारी को महामारी घोषित की। | |
72वां दिन 11 मार्च 2020 | 1,25,875 मामले | 4,615 मौतें | स्पेन में एक दिन के भीतर सौ मौतें हुईं। इससे भी बुरा दौर आने को था। | |
76वां दिन 15 मार्च | 1,67,454 मामले | 6,440 मौतें | अमेरिकी कांग्रेस ने दो लाख करोड़ डालर के आपातकालीन कार्यक्रम को मंजूरी दी। | |
86वां दिन 25 मार्च | 4,67,653 मामले | 21,181 मौतें | ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन पाजिटिव पाए गए | |
88वां दिन 27 मार्च | 5,93,291 मामले | 27,198 मौतें | मौतें वायरस के संक्रमितों के आंकड़े ने दस लाख को पार किया। मौतें भी पचास हजार को पार हुईं। | |
94वां दिन 2 अप्रैल, 2020 | 10,13,320 मामले | 52,983 मौतें | दुनिया के 192 देशों में फैला वायरस/ वायरस के उद्गम स्थल चीन के वुहान को फिर से खोला गया। | |
100वां दिन 8 अप्रैल | 15,11,104 मामले | 88,000 मौतें | चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को बताया किउसके यहां निमोनिया के 44 ऐसे मामले सामने आए हैं जिनकी वजह अज्ञात है। ये मामले 31 दिसंबर से तीन जनवरी के दरम्यान आए। हालांकि यहां निमोनिया के मामले दिसंबर और संभवत: वुहान में नवंबर में ही दिख गए थे,लेकिन यह पहला मौका था जब इस रहस्यमयी बीमारी की तरफ दुनिया का ध्यान गया। |