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लॉकडाउन की लक्ष्मण रेखा बन गई वरदान, कइयों ने की शराब, सिगरेट और गुटखा से तौबा

Positive News लॉकडाउन की लक्ष्मण रेखा बन गई वरदान लोगों के साथ ही अब उनके परिवार भी अब अच्छा महसूस कर रहे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 09:27 AM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 09:27 AM (IST)
लॉकडाउन की लक्ष्मण रेखा बन गई वरदान, कइयों ने की शराब, सिगरेट और गुटखा से तौबा
लॉकडाउन की लक्ष्मण रेखा बन गई वरदान, कइयों ने की शराब, सिगरेट और गुटखा से तौबा

पारुल रावत, अलीगढ़। Positive News: लॉकडाउन की लक्ष्मण रेखा लोगों लिए वरदान बन गई। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के साथ ही नशे की आदत को भी लॉकअप में बंद कर दिया। ज्यादा तलब लगने का खास समय निकल चुका है। इसमें कई लोग तो ऐसे हैं जो आदत के आगे मजबूर थे, लेकिन बाद में इरादे दृढ़ कर लिए और दुनिया उनकी बदल गई। लोगों के साथ ही उनका परिवार अब अच्छा महसूस कर रहा है।

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उप्र के अलीगढ़ स्थित क्वार्सी के विनोद कुमार नियमित शराब का सेवन करते थे। पत्नी अनीता के मुताबिक, लॉकडाउन में शराब न मिलने से वह परेशान रहने लगे। मैंने और परिवारीजनों ने उन्हें इसे छोड़ने के लिए प्रेरित किया। दृढ़ संकल्प से अब उनकी शराब की लत छूट चुकी है। विनोद भी कहते हैं कि मेरी जिंदगी में यह बड़ा बदलाव है।

सासनी गेट के राजेश कुमार सिगरेट बहुत पीते थे। लॉकडाउन की घोषणा के बाद सबसे पहले सिगरेट खरीदने निकले। घर में खाली बैठे तो कुछ ज्यादा ही सिगरेट पीने लगे। जल्द ही यह खत्म हो गई। एक-दो दिन कहीं से जुगाड़ हो गया, लेकिन बाद में मिलनी ही बंद हो गई। इसके बाद परेशानी तो बहुत हुई लेकिन धीरे-धीरे आदत छूट गई। अब वह सुबह योगाभ्यास करने लगे हैं।

मनोज को गुटका की लत थी। लॉक डाउन में तलब पूरी न होने पर आठ-दस दिन परेशान रहे। अब सौंफ और मिश्री खाकर इस लत से छुटकारा पा चुके हैं। हरिओम शर्मा भी तंबाकू और सिगरेट का खूब सेवन करते थे। लॉकडाउन के एक सप्ताह बाद ये बहुत महंगे हो गए। ऐसे में इसे छोड़ने का फैसला किया।

नशा मुक्ति का सही समय : मलखान सिंह जिला अस्पताल की मनोचिकित्सक डॉ. अंशु सोम का कहना है कि यह समय नशा छुड़ाने में कारागर साबित हो रहा है। नशा छोड़ने के लिए शुरुआत के दो महीने सबसे कठिन होते हैं। तलब लगे तो ध्यान हटाने का प्रयास करें। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में कुछ नशे के आदी मरीजों के फोन आए, तो उन्हें बताया कि दृढ़ संकल्प और प्राणायाम कर वह इस लत से निजात पा सकते हैं। कई लोग आदत छोड़ भी चुके हैं।

काफी समय से शराब पीता था। लॉकडाउन के बाद कई दिन दोस्तों से जुगाड़ कर अपनी तलब को पूरा किया। करीब महीनेभर पहले अपने परिवार के सहयोग और दृढ़ इच्छा शक्ति से शराब पीना छोड़ दिया। इससे परिवार बेहद खुश है।

- आशीष, इंदिरा नगर, अलीगढ़

नशे के आदी लोगों पर लॉकडाउन का असर पड़ा है। वे नशे से दूर हो रहे हैं। पहले नशा मुक्ति केंद्र में करीब 50 लोग थे, लेकिन अभी सिर्फ 14 हैं। बाकी के अन्य लोगों को घर भेज दिया गया है, जिन्हें अब कोई दिक्कत नहीं है। नशा छोड़ने के लिए हर रोज एक से दो लोगों के फोन आते हैं, उनको फोन पर ही सलाह दी जाती है।

- संजय सिंह, डायरेक्टर, सिंधौली नशा मुक्ति केंद्र, अलीगढ़

नशा छोड़ने का लॉकडाउन सबसे अच्छा समय है। हर तरीके के नशे का असर, अलग-अलग तरीके से पड़ता है। कुछ लोगों को नींद नहीं आती तो कुछ को भूख नहीं लगती। कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें पसीना अधिक आने लगता है। ऐसे लोगों को अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करना होगा। परिवार के लोग साथ दें, ताकि नशा छूट सके।

- प्रो. एसए आजमी, मानसिक रोग विशेषज्ञ, जेएन मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़


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