Lockdown and Unlock Update: लॉकडाउन से कैसे मिलेगी मुक्ति? आइसीएमआर ने बताया अनलॉक के मापदंड
डाक्टर बलराम भार्गव ने पिछले छह हफ्ते में कोरोना के हालात में तेजी से सुधार को बड़ी उपलब्धि बताते हुए यह साफ कर दिया कि यह स्थायी नहीं है। संक्रमण रोकने का स्थायी समाधान केवल टीकाकरण के माध्यम से ही हासिल किया जा सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संक्रमण दर पांच फीसद से कम होने के बाद अनलाक की प्रक्रिया शुरू कर रहे राज्यों को आइसीएमआर ने आगाह किया है। आइसीएमआर के महानिदेशक डाक्टर बलराम भार्गव ने किसी भी जिले को अनलाक करने के लिए सात दिन तक संक्रमण की दर पांच फीसद से कम होने के साथ-साथ 60 से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 45 साल से अधिक उम्र के गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों में 70 फीसद को टीका लगाना भी जरूरी बताया है।
डाक्टर बलराम भार्गव ने पिछले छह हफ्ते में कोरोना के हालात में तेजी से सुधार को बड़ी उपलब्धि बताते हुए यह साफ कर दिया कि यह स्थायी नहीं है। संक्रमण रोकने का स्थायी समाधान केवल टीकाकरण के माध्यम से ही हासिल किया जा सकता है। टीकाकरण के लिए कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले समूहों को सुरक्षित करने को प्राथमिकता देने की जरूरत बताई।
ध्यान देने की बात है कि कोरोना से होने वाली मौतों में 88 फीसद लोग 45 साल से अधिक उम्र के हैं और केंद्र सरकार इस आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध करा रही है। गौरतलब है कि देश में लगभग 33 करोड़ लोग 45 से ऊपर के हैं। वहीं लगभग 350 जिलों में पिछले कुछ दिनों से संक्रमण पांच फीसद से कम देखा जा रहा है। संक्रमण दर और टीकाकरण के साथ ही डाक्टर बलराम भार्गव ने सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने को अनलाक का तीसरा मापदंड बताया।
साल के अंत तक 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लग जाएगा
उनके अनुसार 60 फीसद आबादी के टीकाकरण तक इसमें छूट नहीं दी जा सकती है। वैसे उन्होंने यह नहीं बताया कि देश में 60 फीसद आबादी को टीकाकरण का लक्ष्य कब पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन उन्होंने सरकार के इस दावे को दोहराया कि इस साल के अंत तक 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लग जाएगा।
जुलाई से प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक टीके लगने लगेंगे
टीकाकरण में दूसरे देशों की तुलना में भारत के पिछड़ने के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि डोज के मामले में भारत अमेरिका से लगभग बराबर टीका लगा चुका है। लेकिन जनसंख्या में भारी अंतर के कारण यह कम दिखता है। उनके अनुसार दुनिया में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और भारत पांच ही ऐसे देश हैं, जिसने कोरोना के खिलाफ वैक्सीन इजाद कर लोगों को लगाया है। डाक्टर भार्गव ने कहा कि आने वाले समय में टीके की उपलब्धता बढ़ेगी और जुलाई के दूसरे पखवाड़े से देश में प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक टीके लगने लगेंगे।
टीका उपलब्ध हो जाने के बाद उसे लगाने में कोई समस्या नहीं
नीति आयोग से सदस्य और टीकाकरण पर गठित उच्चाधिकार समिति के प्रमुख डाक्टर वीके पाल का कहना है कि एक बार टीका उपलब्ध हो जाने के बाद उसे लगाने में कोई समस्या नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के दौरान भारत एक दिन में आठ करोड़ बच्चों को टीका लगाता है। उन्होंने कहा कि इस अनुभव का लाभ कोरोना के टीकाकरण में भी लिया जाएगा और इस सिलसिले में राज्यों के साथ विचार-विमर्श शुरू भी कर दिया गया है।