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लॉकडाउन 2 का असर, बेहतर हुईं स्थितियां; संक्रमण के मामले में वृद्धि दर हुई कम

लॉकडाउन के पहले चरण के तीन सप्ताह की तुलना दूसरे चरण के दो सप्ताह से की गई है। भारत में नए मामलों की दैनिक वृद्धि दर लॉकडाउन 2 के आखिर में आधे से भी कम हो गई है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 10:30 AM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 10:30 AM (IST)
लॉकडाउन 2 का असर, बेहतर हुईं स्थितियां; संक्रमण के मामले में वृद्धि दर हुई कम
लॉकडाउन 2 का असर, बेहतर हुईं स्थितियां; संक्रमण के मामले में वृद्धि दर हुई कम

नई दिल्ली, जेएनएन। लॉकडाउन 3 के आगाज के साथ ही यह सवाल भी बहुत से लोगों के मन में उठ रहा है कि क्या वाकई लॉकडाउन अपने उद्देश्य में सफल रहा है। इसका जवाब सबसे बेहतर ढंग से आंकड़े दे सकते हैं। इन्हें देखने से साफ हो जाता है कि लॉकडाउन 1 की अपेक्षा लॉकडाउन 2 अपेक्षाकृत ज्यादा सफल रहा है। इससे लॉकडाउन 3 के दौरान स्थितियां और बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन के पहले चरण के तीन सप्ताह की तुलना दूसरे चरण के दो सप्ताह से की गई है। इस दौरान पाया गया कि भारत में नए मामलों की दैनिक वृद्धि दर लॉकडाउन 2 के आखिर में आधे से भी कम हो गई है।

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संक्रमण के मामले में वृद्धि दर हुई कम : भले ही पिछले कुछ दिनों में भारत में नए मामलों की दैनिक वृद्धि हुई है, कोविड -19 के पॉजिटिव रोगियों के नए मामलों में दैनिक वृद्धि दर लॉकडाउन 2 के आखिर में आधे से भी अधिक कम हो गई है। लॉकडाउन के पहले चरण के दौरान, नए मामलों में दैनिक वृद्धि दर सर्वाधिक 31 फीसद से अधिक थी, जबकि लॉकडाउन-1 के अंतिम दिन दैनिक वृद्धि दर करीब 16 फीसद थी। वहीं लॉकडाउन 2 में दैनिक वृद्धि दर सर्वाधिक 10.3 फीसद रही, जबकि 6.6 फीसद की वृद्धि दर के साथ यह चरण समाप्त हुआ। वहीं पहले चरण में मामलों में वृद्धि दर घटकर आधे से भी कम रह गई

लॉकडाउन 2 में घटी मृत्यु दर : इसमें भी लॉकडाउन के पहले चरण की अपेक्षा दूसरा चरण बेहतर रहा है। पहले चरण में मौतों की संख्या में दैनिक वृद्धि दर 60 फीसद थी, हालांकि दूसरे चरण में यह अधिकतम 11 रही। जबकि पहले चरण के आखिर में यह 9 और दूसरे चरण के आखिर में 7 रही।

स्वस्थ होने की दर : देश में अब तक 11 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं। रविवार तक यह दर 27 फीसद से अधिक थी। यह देखते हुए कि मामलों की संख्या में दैनिक रूप से करीब 2000 से अधिक मामले आ रहे हैं, साथ ही मरीजों की ठीक होने की संख्या कम हो गई है। इसका कारण है कि एक मरीज को ठीक होने में करीब दो सप्ताह का वक्त लगता है। जबकि लॉकडाउन 1 की समाप्ति पर ठीक होने वाली मरीजों की संख्या 25 मार्च को लॉकडाउन लगाए जाने की तुलना में 28 गुना थी। रविवार को लॉकडाउन 2 की समाप्ति पर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 15 अप्रैल को इसकी शुरुआत के मुकाबले 8 गुना थी।


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