लिवर प्रत्यारोपण से तीन विदेशी बच्चों को नई जिंदगी
तीन मासूम मां के साथ अपनी मस्ती में मस्त। उन्हें नहीं मालूम कि मौत का सामना कर लौटे हैं। मां का चेहरा भी आत्मविश्वास से भरा था और उसके चेहरे पर खुशी छिपाए भी न छिप रही थी। कुछ ऐसा ही माहौल था मंगलवार को फोर्टिस अस्पताल के सभागार का जहां डॉक्टर कुर्दिस्तान से आए एक ही परिवार के तीन बच्चों की बीमारी के बारे
नोएडा, जागरण संवाददाता। तीन मासूम मां के साथ अपनी मस्ती में मस्त। उन्हें नहीं मालूम कि मौत का सामना कर लौटे हैं। मां का चेहरा भी आत्मविश्वास से भरा था और उसके चेहरे पर खुशी छिपाए भी न छिप रही थी। कुछ ऐसा ही माहौल था मंगलवार को फोर्टिस अस्पताल के सभागार का जहां डॉक्टर कुर्दिस्तान से आए एक ही परिवार के तीन बच्चों की बीमारी के बारे में बता रहे थे। तीनों ही बच्चे जेनेटिक विकृति के शिकार थे। बच्चे दुर्लभ अनुवांशिक विकृति जिसे प्रोग्रेसिव फैमलियल इंट्राहैप्टिक कोलेस्टासिस (पीएफआइसी) नाम से जाना जाता है, से पीड़ित थे। डॉक्टरों ने लिवर प्रत्यारोपण कर इनको नई जिंदगी दी।
बच्चों के नाम लोजान इब्राहिम (9), सोजान इब्राहिम (4) और इब्राहिम (4) हैं। लोजान को दो साल की उम्र में ही पीलिया और पेट फूलने की तकलीफ होने लगी थी। इसी तरह ढाई वर्ष की उम्र में सोजान और इब्राहिम को भी पीलिया के साथ शरीर में खुजली की शिकायत थी। जांच कराने पर तीनों की बीमारी का पता चला। काफी मशक्कत के बाद पीड़ित परिवार जून में फोर्टिस अस्पताल पहुंचा। पिता सिद्दीक अहमद ने बताया कि हम किसान हैं। इलाज में हमारी सरकार ने बहुत मदद की है। जिस तरह से बच्चों की बीमारी बढ़ रही थी बहुत मुश्किल हो गया था। मां बुशारा अबसुल्लाह अहमद का कहना है कि यह हमारी जिंदगी का सबसे मुश्किल दौर था। आज सब खुश हैं कि हमें मुश्किल दौर से निजात मिल गई।
फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर विवेक विज ने बताया कि इस तरह की बीमारी हम लोगों ने पहली बार देखी है। सभी बच्चे पीएफआइसी बीमारी से ग्रस्त थे। यह बीमारी उस अवस्था में होती है जब माता-पिता के बीच खून का रिश्ता हो। उस अवस्था में दोनों के अप्रभावी जींस मिलते हैं। लोजान को उसकी बुआ शेरिवन, सोजान को मामा निसरत और इब्राहिम को उसकी मां बुशरा ने अपने लिवर का हिस्सा दान किया है। मालूम हो कि कुर्दिस्तान इराक का पड़ोसी देश है।