मोदी ने आत्मनिर्भर बनाने के साथ दिखाई संकट से निपटने की राह, जानें क्या क्या कहा
पांचवीं बार देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही कोरोना महामारी के संकट से निपटने का रास्ता भी बताया। पढ़ें भाषण की खास बातें...
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉकडाउन से पस्त आम जनता और त्रस्त उद्योग जगत को जिस भरोसे की जरूरत थी, उसे पूरा करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। कोरोना महामारी फैलने के बाद से पांचवी बार देश की जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ साथ कोरोना संकट से भी निपटने की राह दिखाई। पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है साथ ही भावी कदमों का संकेत दिया जो आने वाले वर्षों में ना केवल देश के आर्थिक ढांचे को बदलने वाला होगा बल्कि इसका व्यापक कूटनीतिक असर भी देखने को मिलेगा। जाने पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या क्या कहा...
एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया
पीएम मोदी ने बताया कि दुनियाभर में कोरोना से पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। भारत में भी लोगों ने अपने स्वजन खोए हैं। मैं सबके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा, ' एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। दुनियाभर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। हमने ऐसा संकट न देखा है, ना ही सुना है लेकिन थकना, हारना, टूटना और बिखरना, इंसान को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए, सभी नियमों का पालन करते हुए, हमें अब बचना भी है और आगे भी बढ़ना है। ऐसे में जब दुनिया संकट में है हमको अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा।
आत्मनिर्भर भारत का मंत्र
आर्थिक पैकेज की रूपरेखा बताने के साथ ही पीएम मोदी ने यह भी बताया कि लॉकडाउन पूरी तरह से अभी नहीं हटाया जाने वाला है। लॉकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह से नए रंग-रूप और नियमों वाला होगा। इस बारे में राज्यों से सुझाव मांगे गए हैं। 18 मई से पहले ही इस बारे में घोषणा कर दी जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि हम पिछली शताब्दी से ही सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है लेकिन कोरोना ने हमें वैश्विक व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने-समझने का मौका दिया है। कोरोना से पहले और बाद के कालखंडों को भारत के नजरिए से देखें तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की होगी... यह हमारा सपना नहीं, हम सभी की जिम्मेदारी भी है। इसका रास्ता एक ही है- आत्मनिर्भर भारत...
एक संदेश लेकर आई है यह आपदा
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आपदा भारत के लिए एक संकेत, एक संदेश, एक अवसर लेकर आई है। देश में जब कोरोना संकट शुरु हुआ तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनाता था। यही नहीं एन-95 मास्क का नाममात्र उत्पादन होता था। आज भारत में हर दिन दो लाख पीपीई किट और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। आपदा ने भारत को आगे बढ़ने का एक मौका दिया है। देश की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है। सनद रहे साल 1991 में आर्थिक सुधारों के बाद पहली बार देश के किसी पीएम ने 'लोकल' स्तर पर मैन्यूफैक्चरिंग की इतनी जोरदार तरीके से वकालत की और इसे आम जनजीवन के मूल मंत्र के तौर पर स्थापित करने का नारा दिया।
चीन से सशंकित विश्व समुदाय को भी दिखाई राह
प्रधानमंत्री ने चीन से सशंकित वैश्विक समुदाय के सामने भारत को एक मजबूत औद्योगिक निर्माण स्थल के विकल्प के तौर पर पेश करते हुए यह भी जता दिया कि 21वीं सदी में भारत अपनी बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है। पीएम ने कहा कि भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है। भारत के लक्ष्यों और कार्यों का प्रभाव विश्व कल्याण पर पड़ता है। जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं। इन कदमों से दुनिया भर में भारत की तारीफ होती है तब हर भारतीय गर्व करता है। दुनिया को अब यकीन होने लगा है कि मानव जाति के कल्याण के लिए भारत बहुत अच्छा कर सकता है।
भारत के गौरवशाली इतिहास की दिलाई याद
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हमारा सदियों का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत जब सोने की चिड़िया कहलाता था तब भी हमेशा विश्व के कल्याण की बात की। अब जब भारत विकास की ओर कदम बढ़ा रहा है तब भी विश्व कल्याण की राह पर अटल है। इस शताब्दी की शुरुआत के समय Y2K संकट आया था तब भारतीय विशेषज्ञों ने दुनिया को उबारा था। आज हमारे पास साधन, सामर्थ्य और बेहतरीन टैलेंट है। हम अच्छे उत्पाद बनाएंगे, गुणवत्ता को बेहतर करेंगे और आपूर्ति चेन आधुनिक बनाएंगे यह काम हम जरूर करेंगे। पीएम मोदी ने कच्छ भूकंप की याद दिलाते हुए कहा कि उस परिस्थिति में कोई सोच भी नहीं सकता था कि कभी हालात बदल पाएंगे। फिर भी कच्छ उठ खड़ा हुआ और चल पड़ा। हम भारतीयों की संकल्पशक्ति ऐसी ही है। हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं होता...
नए रंग रूप वाला होगा लॉकडाउन का चौथा चरण
पीएम मोदी ने कहा, लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी। पीएम मोदी ने कहा, ये संकट इतना बड़ा है, कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं हिल गई हैं। लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमने, देश ने हमारे गरीब भाई-बहनों की संघर्ष-शक्ति, उनकी संयम-शक्ति का भी दर्शन किया है। आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है, न सिर्फ लोकल प्रोडक्ट खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है।
पांच पिलर्स पर खड़ी होगी भव्य भारत की इमारत
पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की भव्य इमारत पांच खंभों पर खड़ी होगी। पहला पिलर अर्थव्यवस्था, दूसरा इंफ्रास्ट्रक्चर, तीसरा हमारा सिस्टम होगा जो 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली तकनीकों पर आधारित होगा। चौथा पिलर हमारी डिमोग्राफी होगी जो हमारी ताकत है। पांचवां पिलर डिमांड होगी जो हमारी अर्थव्यवस्था में सप्लाई चेन को मजबूती देगी। हम आपूर्ति की उस व्यवस्था को मजबूत करेंगे जिसमें देश की मिट्टी की महक और मजदूरों के पसीने की खुशबू होगी। मैं एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं जो आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी बनेगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का नया युग हर भारतवासी के लिए नूतन प्रण भी होगा और नूतन पर्व भी।
किसानों मजदूरों के लिए है यह पैकेज
पीएम मोदी ने कहा, ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। आपने भी अनुभव किया है कि बीते 6 वर्षों में जो रिफार्म हुए, उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम, अधिक समर्थ नज़र आईं हैं। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडटी और कानून सभी पर बल दिया गया है। ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे MSME के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। पीएम मोदी ने कहा, 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा।
लोकल के लिए वोकल बनने की अपील
पीएम मोदी ने हर भारतीय से 'लोकल के लिए वोकल' बनने का आह्वान किया और अपने अंदाज में कहा, 'ना सिर्फ लोकल खरीदना है बल्कि उसका गर्व से प्रचार भी करना है। पीएम मोदी ने कहा कि आज आपको जो ग्लोबल ब्रांड्स लगते हैं वो कभी बिल्कुल लोकल थे लेकिन जब इनका इस्तेमाल, प्रचार और ब्रांडिंग की गई तो वे लोकल से ग्लोबल बन गए। उन्होंने कहा, आत्मनिर्भरता हमें सुख व संतोष देने के साथ ही सशक्त भी करती है। आत्मनिर्भर भारत का नया युग हर भारतवासी के लिए नूतन प्रण भी होगा और नूतन पर्व भी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व जापान के पीएम एबी शिंजो के बाद मोदी तीसरे बड़े देश के मुखिया हैं जिन्होंने कोविड-19 के बाद स्थानीय उद्योग व मैन्यूफैक्चरिंग को बड़ा महत्व देने की बात कही है। तीनों देश अभी तक चीन पर कई तरह से आश्रित रहे हैं।
सबको मिलेगा संबल
पीएम ने बताया कि पैकेज देश को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले कुटीर, लघु, मझोले उद्योगों के साथ ही बड़े उद्यमियों, हर मौसम में दिन-रात परिश्रम करने वाले किसानों व श्रमिकों और ईमानदारी से कर अदा करने वाली आम जनता के लिए भी होगा। पीएम ने स्पष्ट किया कि पूर्व में केंद्र सरकार और आरबीआइ की तरफ से घोषित पैकेज को अगर नए पैकेज के साथ मिला दिया जाए तो यह आíथक पैकेज तकरीबन 20 लाख करोड़ रुपये का होगा। यह पैकेज देश की इकोनॉमी (जीडीपी) का तकरीबन 10 फीसद बैठेगा। गौरतलब है अमेरिका ने अपनी जीडीपी के 11 फीसद के बराबर का पैकेज घोषित किया है और जापान ने 20 फीसद। प्रधानमंत्री का पैकेज इस लिहाज से भी अहम है क्योंकि अब तक उद्योग जगत की ओर से भी अधिकतम 15 लाख करोड़ रुपये तक के पैकेज की मांग की गई है। सरकार ने उससे भी बढ़कर मदद का मन बनाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार से अगले कुछ दिनों तक इससे जुड़ी घोषणाएं विस्तार से बताएंगी।
आर्थिक सुधारों के क्रांतिकारी दौर की शुरुआत
पीएम ने इस बात के संकेत दिए कि सरकार की नई घोषणाएं देश में आíथक सुधारों के एक क्रांतिकारी दौर की शुरुआत करेगी। पीएम के शब्दों में ये रिफार्म्स खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन में होंगे ताकि किसान भी सशक्त हो व कोरोना जैसे संकट का भविष्य में सामना कर सके। इसमें देश के विभिन्न सेक्टर में संगठित और असंगठित सेक्टर के मजदूरों के लिए भी कई बातें होंगी। पीएम बखूबी जानते हैं कि कोविड-19 के मौजूदा दौर में हर भारतीय अभी परेशान है। लिहाजा उनके भाषण में भावी नीति की रूपरेखा के साथ ही जोश भी खूब था। उन्होंने इकोनॉमी की मौजूदा जड़ता को तोड़ने के लिए बड़ी छलांग लगाने की बात कही और कहा कि इंक्रीमेंटल जंप नहीं क्वांटम जंप की जरूरत है।