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PM Modi Speech in India Idea Submit : पीएम मोदी ने निवेशकों को दिया न्योता, अलग-अगल सेक्टर में गिनाए अवसर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया आइडियाज समिट (India Ideas Summit) में पीएम मोदी ने भारत में निवेश के लिए निवेशकों को न्योता दिया। उन्होंने इस दौरान अलग-अलग सेक्टर में अवसर गिनाए।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 05:03 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 07:35 AM (IST)
PM Modi Speech in India Idea Submit : पीएम मोदी ने निवेशकों को दिया न्योता, अलग-अगल सेक्टर में गिनाए अवसर
PM Modi Speech in India Idea Submit : पीएम मोदी ने निवेशकों को दिया न्योता, अलग-अगल सेक्टर में गिनाए अवसर

नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया आइडियाज समिट (India Ideas Summit) को संबोधित करते हुए निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए न्योता दिया। उन्होंने  स्वास्थ्य, रक्षा और ऊर्जा समेत अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए अवसर गिनाए। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत अवसरों की भूमि के रूप में उभर रहा है। उन्होंने टेक क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में, भारत में एक दिलचस्प रिपोर्ट सामने आई। इसमें कहा गया कि शहरी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की तुलना में पहली बार ग्रामीण इंटरनेट उपयोगकर्ता अधिक हैं। उन्होंने कहा कि टेक्नॉलजी में अवसरों का मतलब यह है कि 5G टेक्नॉलजी, बिग डेटा ऐनालिटिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्लॉक चेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स में भी अवसर पैदा होने वाले हैं।

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पीएम मोदी ने स्वास्थ्य और रक्षा क्षेत्र पर निवेशकों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि भारत आपको स्वास्थ्य सेवा में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता है। भारत में हेल्थकेयर सेक्टर हर साल 22 प्रतिशत से भी अधिक तेजी से बढ़ रहा है। हमारी कंपनियां चिकित्सा-प्रौद्योगिकी, टेलीमेडिसिन और डाइग्नोसिस में भी प्रगति कर रही हैं। भारत आपको रक्षा और अंतरिक्ष में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता है। हम रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए एफडीआइ कैप को 74% तक बढ़ा रहे हैं।

 ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रण

ऊर्जा क्षेत्र को लेकर पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, 'भारत आपको ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित करता है क्योंकि भारत गैस आधारित अर्थव्यवस्था में विकसित हो रहा है। अमेरिकी कंपनियों के लिए निवेश के बड़े अवसर होंगे। स्वच्छ ऊर्जा में भी अवसर हैं। भारत के पावर सेक्टर में प्रवेश करने का यह सबसे अच्छा समय है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत आपको वित्त और बीमा में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता है। भारत ने बीमा में निवेश के लिए एफडीआइ कैप को 49% तक बढ़ा दिया है। अब बीमा मध्यस्थों में निवेश के लिए 100% एफडीआइ की अनुमति है। 

सिविल एविएशन क्षेत्र में भी विकास के काफी अवसर

सिविल एविएशन क्षेत्र को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में भी विकास के काफी अवसर हैं। अगले 8 वर्षों के भीतर हवाई यात्रियों की संख्या दोगुने से अधिक होने की उम्मीद है। शीर्ष निजी भारतीय एयरलाइंस की योजना आने वाले दशक में एक हजार से अधिक नए विमान शामिल करने की है। 

2019-20 में भारत में एफडीआइ प्रवाह 74 बिलियन अमरिकी डॉलर था

पीएम मोदी ने कहा कि 2019-20 में भारत में एफडीआइ प्रवाह 74 बिलियन अमरिकी डॉलर था। यह पिछले वर्ष से 20% ज्यादा है। अप्रैल और जुलाई के बीच भारत ने 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का विदेशी निवेश आकर्षित किया है। पीएम मोदी ने इस दौरान यह भी कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान हमने अपनी अर्थव्यवस्था को अधिक सुधार योग्य बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं। इन सुधारों की वजह से प्रतिस्पर्धात्मकता, पारदर्शिता, डिजिटाइजेशन, इनोवेशनऔर पॉलिसी स्थिरता बढ़ी है।

भारत के प्रति पूरी दुनिया आशावादी

इससे पहले उन्होंने कहा कि आज भारत के प्रति पूरी दुनिया आशावादी है। ऐसा इसलिए है  क्योंकि भारत खुलेपन, अवसरों और प्रौद्योगिकियों का एक आदर्श संयोजन प्रदान करता है। भारत अपने लोगों और शासन में खुलेपन को बढ़ावा देता है। खुले दिमाग, खुले बाजार बनाते हैं और खुले बाजार अधिक समृद्धि का कारण बनते हैं। इससे पहले उन्होंने कहा कि सब कोई इस बात से सहमत हैं कि विश्व को बेहतर भविष्य की आवश्यकता है। हम सभी को  सामूहिक रूप से भविष्य को आकार देना है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि भविष्य के लिए हमारा दृष्टिकोण मुख्य रूप से अधिक मानव-केंद्रित होना चाहिए।

 भारत इंडो-पैसिफिक और विश्व में अमेरिका का उभरता हुआ रक्षा साझेदार- पोंपियो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने इंडिया आइडियाज समिट (India Ideas Summit) में कहा कि अमेरिका ने पीएम मोदी को अगले जी 7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है, जहां हम अंतरराष्ट्रीय समृद्धि तंत्र को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, 'हम दुनिया के सबसे पुराने और सबसे समृद्ध लोकतंत्र हैं और यह महत्वपूर्ण है कि हमारे जैसे लोकतंत्र एक साथ काम करें। भारत इंडो-पैसिफिक और विश्व में अमेरिका का उभरता हुआ रक्षा साझेदार है। उन्होंने यह भी कहा, 'मैं विशेष रूप से टिकटॉक सहित 59 चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने के भारत के हालिया फैसले की सराहना करता हूं, जो भारतीय लोगों के लिए गंभीर सुरक्षा जोखिम पेश करते हैं।'

भारत और अमेरिका को व्यापार के साथ-साथ कुछ बड़ा सोचने की जरूरत- जयशंकर

भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर  कहा कि भारत और अमेरिका को व्यापार के मुद्दों पर काम करने के साथ-साथ कुछ बड़ा सोचने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें लगता है अमेरिका को वास्तव में दुनिया में बहुपक्षीय व्यवस्था के साथ अधिक बहुध्रुवीय दुनिया के साथ काम करना सीखना होगा।। पिछले दो पीढ़ियों में वह जिसके साथ आगे बढ़ा है उससे परे जाना होगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच प्रतिभा के इर्द-गिर्द एक बंधन है, जो हमारी अर्थव्यवस्था, तकनीक और नवीनीकरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस वैश्विक ज्ञान की दुनिया में, हमें अधिक लचीला बनाने की आवश्यकता है। 

दुनिया को आकार देने के लिए एक साथ मिलकर काम करने की क्षमता- जयशंकर

जयशंकर ने कहा, 'हम (भारत-अमेरिका) दुनिया को आकार देने के लिए, एक साथ मिलकर काम करने की क्षमता रखते हैं। हम समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी, कनेक्टिविटी, कोरोना वायरस, जलवायु परिवर्तन पर काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इसका बड़ा हिस्सा यह है कि हम कैसे द्विपक्षीय एजेंडा को मजबूत करते हुए बड़े एजेंडे को आकार देते हैं।'

 दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य और वैक्सीन विकास में सहयोग का विस्तार- तरनजीत संधू

अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत संधू ने कहा कि इस साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा ने हमारे संबंधों को एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया। तब से दुनिया बहुत बदल गई है। दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य और वैक्सीन विकास में सहयोग का विस्तार किया गया है।

हमने भारत के साथ जबरदस्त सहयोग किया- केनेथ जस्टर

भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा कि भारत ने दुनिया भर के 100 से अधिक देशों के लिए दवा मुहैया कराई हैं। हमने भारत के साथ जबरदस्त सहयोग किया है और राष्ट्रपति की यात्रा के बाद हमने राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच कई बातचीत देखी हैं। हमने वास्तव में एक रणनीतिक साझेदारी को एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया है,और जैसा कि पीएम ने हाल ही में कहा, 21 वीं सदी का यह सबसे महत्वपूर्ण संबंध हो सकता है।'

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र कोई भी संघर्ष नहीं चाहता-  केनेथ जस्टर

भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा, 'कोई भी इस क्षेत्र (इंडो-पैसिफिक क्षेत्र) में संघर्ष नहीं चाहता है। हम चाहते हैं कि यह समावेशी दृष्टि हो, लेकिन हम इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए साझा किए गए दिशा-निर्देशों, लाल रेखाओं और अन्य तरीकों को विकसित करने के लिए विश्वसनीय और समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ काम करने जा रहे हैं।'

भारत-अमेरिका साझेदारी के लिए यह एक अवसर का समय- निशा बिस्वाल

यूएसआइबीसी की अध्यक्ष निशा बिस्वाल ने कहा कि कोरोना वायरस ने हमारे अंतररार्ष्ट्रीय संस्थानों पर प्रभाव डाला है और पारंपरिक गठबंधनों का परीक्षा लिया है, लेकिन संकट से स्पष्टता आती है। भारत-अमेरिका साझेदारी के लिए यह एक अवसर का समय है। 

अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखाई देने लगे हैं-सीतारमण

मंगलवार को यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के इंडिया आइडियाज समिट को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण (ग्रीन शूट्स) दिखाई देने लगे हैं। कृषि क्षेत्र इस विकास का वाहक बनकर सामने आया है। आगे भी आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार नीतिगत मोर्चे पर जरूरी कदम उठाने को तैयार है। वित्त मंत्री ने कहा कि बिजली और ईधन की खपत, राज्यों के भीतर व एक से दूसरे राज्य में वस्तुओं की आवाजाही और खुदरा लेनदेन बढ़ रहा है। ये सब अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अर्थव्यवस्था में ग्रीन शूट्स दिखने की बात कह चुके हैं। 

उद्योग जगत को आगे भी सरकार की ओर से सहयोग का दिया भरोसा- सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि सरकार ने जीडीपी के 10 फीसद के बराबर के राहत पैकेज का एलान किया है और आर्थिक स्थिति पर इसका असर दिखने लगा है। अर्थव्यवस्था में दिख रहे ग्रीन शूट्स इसी का परिणाम हैं। उद्योग जगत को अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरूरी कदम उठाने का भरोसा दिलाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सभी विकल्प खुले हैं। स्थिति में सुधार के लिए उद्योग जगत की प्रतिक्रिया को देखते हुए सरकार आगे भी हस्तक्षेप करेगी।

जीआइएस सिस्टम से भारत में जमीन खरीद सकेंगी विदेशी कंपनियां-  पीयूष गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए भारत में जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआइएस) आधारित जमीन खरीद की व्यवस्था शुरू की जाएगी। यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल के इंडिया आइडियाज समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उद्योग स्थापित करने के लिए जीआइएस बेस्ड टूल से जमीन की पहचान की जाएगी। जीआइएस सिस्टम में गूगल अर्थ व्यू की सुविधा होगी, जिससे विदेश में बैठा हुआ व्यक्ति भारत में जमीन को लोकेट कर सकेगा और खरीद सकेगा। गोयल ने भारत और अमेरिका के बीच छोटे कारोबारी समझौतों पर भी जोर दिया।


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