Coronavirus Updates: समय से लॉकडाउन, बेहतर उपायों से भारत में मृत्यु दर में गिरावट
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना से अब तक कुल 60490 मरीज ठीक हो चुके हैं। रिकवरी दर वर्तमान में 41.61फीसद है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में कोरोना महामारी से मरने वालों की दर 2.87 फीसद है, जो दुनियाभर में सबसे कम है। ऐसा समय से लॉकडाउन, शुरुआत में ही संक्रमित मामलों की पहचान और संक्रमण से निपटने के बेहतर प्रबंधन से संभव हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 15 अप्रैल को कोविड-19 से मृत्यु दर 3.38 फीसद थी, जो घटकर अब 2.87 फीसद पर आ गई है। विश्व में मृत्यु दर 6.4 फीसद है। रिकवरी रेट में भी पहले की अपेक्षा सुधार हुआ है और इस समय यह 41.61 फीसद है।
मृत्यु दर कम होने का कोई प्रमाणिक कारक नहीं
इस सवाल पर कि भारत में दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर की क्या वजह है, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि इस संबंध में कोई प्रामाणिक कारक नहीं है। इसको लेकर कई अवधारणाएं हैं जैसे कि हम गंदगी में रहते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है और हमें बीसीजी और टीबी जैसी बीमारियों से बचाव के टीके लगाए जाते हैं, लेकिन ये सब कल्पनाएं हैं और हम कोई एक कारक नहीं बता सकते।
प्रारंभिक अवस्था में ही रोग की पहचान की गई
उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि मृत्युदर कम है और हम चाहते हैं कि यह जारी रहे। हम तो यह चाहते हैं कि चाहें कोरोना का मरीज हो या कोई और उसकी जान न जाए। हालांकि, संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि हमने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की, मरीजों की समय से पहचान की और उन्हें इलाज मुहैया कराया और इन सब वजहों से हम मृत्यु दर कम रखने में सफल रहे हैं।
संक्रमण बीमारी को रोकने में सबसे अहम यह है कि हम प्रारंभिक अवस्था में ही उसकी पहचान कर लें। अग्रवाल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित किए जाने से 13 दिन पहले ही भारत ने यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी सक्रिय कर दिया था। अगर मरीजों की शुरुआत में ही पहचान हो जाए तो संक्रमण गंभीर रूप नहीं लेगा और मृत्यु दर भी स्वत: ही कम रहेगी। मौत का आंकड़ा भारत में एक लाख में 0.3 है, जबकि दुनिया में यह संख्या 4.5 है।
प्रतिदिन 1.1 लाख सैंपल का टेस्ट
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में टेस्ट बढ़ गए हैं। देश में प्रतिदिन 1.1 लाख नमूनों का टेस्ट किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं, पारियों, आरटी-पीसीआर मशीनों और जनशक्ति की संख्या में वृद्धि करके क्षमता में वृद्धि हुई है। कोरोना टेस्ट के लिए आज तक भारत में 612 लैब काम कर रही हैं। इसमें 430 लैब आइसीएमआर द्वारा संचालित और 182 लैब निजी क्षेत्र द्वारा संचालित हैं।
स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को देश में कोरोना वायरस के 6,535 नए मामले आए और 146 लोगों की मौत हुई है। अब कोरेाना के कुल मामले 1,45,380 हुए हैं। अब तक 4167 लोगों की की मौत हुई है। फिलहाल देश में 80,722 सक्रिय केस हैं और 60,490 लोग ठीक हो चुके हैं।
देश मृत्यु दर (प्रतिशत में)
फ्रांस 19.9
बेल्जियम 16.3
इटली 14.3
ब्रिटेन 14.2
स्पेन 12.2
स्वीडन 11.9
कनाडा 7.6
ब्राजील 6.3
अमेरिका 6.0
चीन 5.5
जर्मनी 4.6
भारत 2.8