हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित लाइट हेलीकाप्टर एमके-III आईएनएस उत्क्रोश में शामिल
स्वदेशी तकनीक से बनाए गए लाइट हेलीकाप्टर (एएलएच) एमके-III को औपचारिक रूप से आईएनएस उत्क्रोश पर शामिल किया गया है। हेलीकाप्टर को कमांडर-इन-चीफ अंडमान और निकोबार कमांड लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह द्वारा पोर्ट ब्लेयर में आज औपचारिक रूप से शामिल किया गया।
नई दिल्ली, एएनआई: देश की समुद्री सुरक्षा के मद्देनजर एक और मजबूत कदम उठाया गया है। स्वदेशी तकनीक से बनाए गए लाइट हेलीकाप्टर (एएलएच) एमके-III को औपचारिक रूप से आईएनएस उत्क्रोश पर शामिल किया गया है। हेलीकाप्टर को अंडमान और निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह द्वारा पोर्ट ब्लेयर में शुक्रवार को औपचारिक रूप से शामिल किया गया।
'आत्मनिर्भर भारत' का एक और सार्थक कदम
एएलएच एमके-III हेलीकाप्टर हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित है । इस हेलीकाप्टर निर्माण को 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत एक सार्थक कदम के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही सैन्य विमान्न के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की एक और लंबी छलांग है।
In a boost to maritime security, the indigenous Advanced Light Helicopter (ALH) MK III aircraft was formally inducted at INS Utkrosh by Commander-in-Chief, Andaman and Nicobar Command (CINCAN) Lieutenant General Ajai Singh at Port Blair today. pic.twitter.com/IANJXo0n8Z— ANI (@ANI) January 28, 2022
हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड ने दिए सैकड़ों विमान
आपको बतादें, हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा अब तक 300 से ज्यादा विमान बनाए जा चुके हैं। जिन्हें सशस्त्र बलों द्वारा इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं। देश की सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे विमानों में एमके III हेलीकाप्टर वैरिएंट भारतीय नौसेना के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है। यह हेलीकाप्टर अत्याधुनिक सेंसर और हथियारों के लैस है। जो देश की समुद्री सीमाओं पर दुश्मन के पसीने छुड़ाने में सक्षम है।
विभिन्न भूमिकाओं में कारगर एएलएच एमके III
एएलएच एमके III विमान अपने ग्लास काकपिट, शक्तिशालि इंजन, उन्नत समुद्री रडार, इलेक्ट्रो-आप्टिकल पेलोड और नाइट विजन डिवाइस के साथ भारत के सुदूर पूर्वी समुद्री तट और द्वीप क्षेत्रों को सुरक्षित रखने का काम करेगा। यह अत्याधुनिक विमान में समुद्री निगरानी, स्पेशल फोर्सेज के लिए सहयोग, बचाव कार्य के अलावा कई भूमिका में इस्तेमाल किया जा सकता है।