आइए जानें अदालती फेर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अकेले पीएम नहीं
यह पहला अवसर नहीं है जब पाकिस्तान में किसी प्रधानमंत्री को पद पर रहते हुए अदालत में पेश होना पड़ा हो। विश्व की बात करें तो अमेरिका के राष्ट्रपति भी अदालती आदेश के सामने कई बार विवश हुए हैं और पेशी का सामना किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बुधवार को अपने देश के सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश होकर सवालों की बौछार का सामना करना पड़ा। हालांकि यह पहला अवसर नहीं है जब पाकिस्तान में किसी प्रधानमंत्री को पद पर रहते हुए अदालत में पेश होना पड़ा हो। विश्व की बात करें तो अमेरिका के राष्ट्रपति भी अदालती आदेश के सामने कई बार विवश हुए हैं और पेशी का सामना किया है। आइए जानें कि किन देशों के राष्ट्रपति और पीएम को अदालत ने पेशी का हुक्म दिया और उन्हें पेश होना पड़ा:
केपी शर्मा ओली: नेपाल
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को वहां के सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत पेशी का आदेश दिया था। मामला अवमानना से जुड़ा था। इसके कुछ दिन पहले नेपाली संसद भंग करने के अपने फैसले को सही बताते हुए ओली ने अदालती कार्रवाई पर टिप्पणी की थी। नेपाली संसद के स्पीकर रहे दमन नाथ धुंगाना के साथ सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व प्रधान न्यायाधीशों को भी समन किया गया था।
यूसुफ रजा गिलानी: पाकिस्तान
जनवरी 2012 में पाकिस्तान के पीएम रहे यूसुफ रजा गिलानी को सुप्रीम कोर्ट ने पेश होने का हुक्म दिया था। मामला पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में अदालत के आदेश का पालन न किए जाने को लेकर था। अदालत का रुख इस कदर सख्त था कि उसने गिलानी को अपनी लग्जरी कार अदालत परिसर में लाने से भी रोक दिया था।
वुडरो विल्सन: अमेरिका
विल्सन जब अमेरिका के राष्ट्रपति थे तो 19 अगस्त 1919 को उन्हें विदेशी मामलों की एक संसदीय समिति के सामने पेश होना पड़ा था। विल्सन ने अपने बयान की शुरुआत के बाद करीब साढ़े तीन घंटे तक समिति के सवालों का सामना किया और जवाब दिए। गेराल्ड आर फोर्डे अमेरिका गेराल्ड आर फोर्ड जब अमेरिका के राष्ट्रपति थे तो पूर्व राष्ट्रपति निक्सन को माफी देने के मामले में 1974 में उन्हें आपराधिक न्याय से जुड़ी उपसमिति के सामने सफाई देनी पड़ी थी। अमेरिका मेंकई पूर्व राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपतियों को भी समन का सामना करना पड़ा था।
बिल क्लिंटन: अमेरिका
जुलाई 1998 में अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर रहते हुए बिल क्लिंटन को अदालत में सुनवाई के लिए हाजिर होने का आदेश मिला था। मामला उनके कार्यालय की कर्मी मोनिका र्लेंवस्की से जुड़ा था। बिल क्लिंटन फेडरल ग्रैंड ज्यूरी के समझ पेशी के लिए बुलाए जाने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति थे। हालांकि क्लिंटन के वकीलों ने बचाव का भरसक प्रयास किया था।
अब्राहम लिंकन अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने उदाहरण पेश किया था जब वह अपने एक भाषण के समय से पहले ही मीडिया में लीक हो जाने के मामले में 13 फरवरी 1862 को खुद ही न्यायिक जांच समिति के सामने पेश हुए। मामले र्में ंलकन की पत्नी द्वारा भाषण लीक किए जाने की बात सामने आ रही थी।
इनपुट: www.senate.gov, tribune.com.pk, kathmandupost.com