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ग्लोबल वार्मिंग थामने के लिए जरूरी है जीवाश्म ईंधन का कम उत्खनन, कम करना होगा तेल और गैस का उत्पादन

यूसीएल इंस्टीट्यूट फार सस्टेनेबल रिसोर्सेज के शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि ग्लोबल वार्मिग के मामले में लक्ष्य को हासिल करना है तो साल 2050 तक तेल और जीवाश्म मिथेन गैस के भंडार का करीब 60 फीसद और 90 फीसद कोयला को जमीन के नीचे ही रहने देना चाहिए।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 05:47 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 05:58 PM (IST)
ग्लोबल वार्मिंग थामने के लिए जरूरी है जीवाश्म ईंधन का कम उत्खनन, कम करना होगा तेल और गैस का उत्पादन
तभी 1.5 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान बढ़ने का लक्ष्य हो सकेगा हासिल

नई दिल्ली, आइएएनएस। ग्लोबल वार्मिंग का विनाशकारी असर एक बड़ी चिंता का सबब बना हुआ है। इससे निपटने के लिए तापमान बढ़ोतरी को इस सदी में 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने का लक्ष्य तय किया गया है। लेकिन एक अध्ययन में बताया गया है कि इसके लिए वैश्विक स्तर पर तेल और गैस का उत्पादन या उत्खनन 2050 तक सालाना औसतन तीन फीसद कम करना होगा। जबकि हालात ये हैं कि जीवाश्म ईंधन की मांग और खपत बढ़ती ही जा रही है।

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यूसीएल इंस्टीट्यूट फार सस्टेनेबल रिसोर्सेज के शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि ग्लोबल वार्मिग के मामले में लक्ष्य को हासिल करना है तो साल 2050 तक तेल और जीवाश्म मिथेन गैस के भंडार का करीब 60 फीसद और 90 फीसद कोयला को जमीन के नीचे ही रहने देना चाहिए। जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने के लिए 2015 में पेरिस में एक समझौता हुआ था। लेकिन जीवाश्म ईंधन उत्खनन की मौजूदा और नियोजित परियोजनाएं उस समझौते के लक्ष्य के अनुकूल नहीं हैं। कई क्षेत्रों में तो जीवाश्म ईंधन का उत्खनन इतना ज्यादा है कि यदि किसी अन्य क्षेत्र में इसका दोहन कम भी हुआ तो उसका असर नहीं दिख रहा।

और तेजी से घटाना होगा जीवाश्म ईंधन का उत्खनन तथा उत्पादन

नेचर नामक जर्नल में प्रकाशित यह निष्कर्ष ग्लोबल वार्मिग 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य हासिल करने की 50 फीसद संभावनाओं पर ही आधारित है। इसका मतलब है कि यदि लक्ष्य हासिल करना है तो जीवाश्म ईंधन का उत्खनन तथा उत्पादन और तेजी से घटाना होगा। इसलिए बेहतर उपाय यह हो सकता है कि इन जीवाश्म ईंधन को जमीन के अंदर ही रहने दिया जाए।

शोधकर्ताओं ने ग्लोबल एनर्जी सिस्टम माडल का इस्तेमाल कर क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर जीवाश्म ईंधन के जमीन के अंदर ही रहने देने की आवश्यक मात्रा का आकलन किया है। शोधकर्ताओं ने जीवाश्म ईंधन की जितनी मात्रा उत्खनन नहीं किए जाने की जरूरत बताई है, वह 2018 में ज्ञात भंडार के आधार पर आकलित है।


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