सतशिवम ने सिब्बल को दिया करारा जवाब
भारत के मुख्य न्यायाधीश पी. सतशिवम ने न्यायापालिका में जबावदेही की कमी के कानून मंत्री कपिल सिब्बल के आरोपों का करार जवाब दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सिब्बल के आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। उनके अनुसार न्यायापालिका में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सुनवाई के लिए प्रक्रिया पहले से तय है। सतशिवम के अ
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत के मुख्य न्यायाधीश पी. सतशिवम ने न्यायापालिका में जबावदेही की कमी के कानून मंत्री कपिल सिब्बल के आरोपों का करार जवाब दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सिब्बल के आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। उनके अनुसार न्यायापालिका में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सुनवाई के लिए प्रक्रिया पहले से तय है। सतशिवम के अनुसार न्यायापालिका में भ्रष्टाचार से निपटने की प्रणाली भले ही अलग हो, लेकिन हम भारत की जनता और संविधान के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
सीवीसी की स्वर्ण जयंती के अवसर पर समापन समारोह में मुख्य न्यायाधीश ने अचानक मीडिया में छपे कपिल सिब्बल के बयान पर बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि वह कानून मंत्री का सम्मान करते हैं, लेकिन मीडिया में छपा उनका बयान तथ्यों पर आधारित नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने न्यायापालिका में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कार्रवाई की पूरी प्रक्रिया का विवरण पेश करते हुए कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया से भिन्न जरूर है, लेकिन शिकायतों पर कार्रवाई सुनिश्चित भी करती है। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के किसी जज के खिलाफ कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। शिकायत मिलते ही सुबूत जुटाने के लिए तीन जज की समिति गठित कर दी जाती है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होती है। निचले स्तर की न्यायापालिका में भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाती है। न्यायापालिका में भ्रष्टाचार पर निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में सतर्कता प्रकोष्ठ बनाया गया है, जो सीधे मुख्य न्यायाधीश को रिपोर्ट करता है।
मंगलवार को कपिल सिब्बल ने सीवीसी के इसी कार्यक्रम में न्यायपालिका में भ्रष्टाचार रोकने की व्यवस्था बेहद कमजोर होने का आरोप लगाया था। उनके अनुसार न्यायपालिका में अंदरूनी निगरानी की बंद व्यवस्था भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में बड़ी बाधा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अनुमति के बिना किसी भी जज के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू नहीं जा सकती है, जबकि यही अदालतें बार-बार संयुक्त सचिव स्तर से ऊपर के अधिकारियों के खिलाफ जांच के लिए पूर्व अनुमति पर सवाल उठाती रही हैं।
एजेंसियां बरतें सावधानी, सभी भ्रष्ट नहीं : चिदंबरम
वित्ता मंत्री पी. चिदंबरम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को परोक्ष रूप से सभी को भ्रष्ट नहीं मानने की नसीहत दी है। केजरीवाल का नाम लिए बिना चिदंबरम ने कहा कि देश का हर नागरिक भ्रष्ट नहीं है और जांच एजेंसियों को भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत होने के बाद ही किसी मामले की जांच शुरू करनी चाहिए।
गैस कीमत तय करने में गड़बड़ी के आरोपों में केजरीवाल के आदेश पर दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मुकेश अंबानी समेत दो केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। देश में भ्रष्टाचार पर निगरानी के लिए बनी सबसे बड़ी संस्था सीवीसी के पचास साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में चिदंबरम ने कहा कि वह भ्रष्टाचार की तरफदारी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सभी से अपने आसपास के सभी लोगों को भ्रष्ट नहीं मानने की अपील की। भारत को सबसे भ्रष्ट और भारतीयों को सबसे रिश्वतखोर मानने की धारणा पूरी तरह गलत है।