Move to Jagran APP

जानें- पिछले साल के मुकाबले इस बार कितनी बदली हुई है कोरोना के मामलों की रफ्तार, क्‍या है इसके पीछे की असल वजह

कोरोना मामलों के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है। बीते 24 घंटों के दौरान तीन लाख से अधिक मामले सामने आए हैं जबकि पिछले वर्ष ये आंकड़ा 21 अप्रैल को पार हुआ था।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 11:39 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 02:28 PM (IST)
जानें- पिछले साल के मुकाबले इस बार कितनी बदली हुई है कोरोना के मामलों की रफ्तार, क्‍या है इसके पीछे की असल वजह
पिछले वर्ष 21 अप्रैल को पर हुआ था तीन लाख मामलों का आंकड़ा

नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। देश में कोरोना के मामलों में दो दिन की आई गिरावट अब खत्‍म हो गई है। एक बार फिर से देश में कोरोना के मामलों की रफ्तार बढ़ी है और ये अब तीन लाख के पार हो गई है। पिछले दिनों जब देश में इसके रोजाना आने वाले नए मामलों में कमी आई थी तब लग रहा था कि महामारी अब अपने उतार पर है। लेकिन अब ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। बीते 24 घंटों के दौरान सामने आए 317532 नए मामले इसकी कहानी साफतौर पर बयां कर रहे हैं।

loksabha election banner

पिछले वर्ष से यदि कोरोना के मामलों की तुलना करें तो पता चलता है कि पिछले वर्ष अप्रैल में एक लाख के पार मामले आए थे और 21 अप्रैल को देश में तीन लाख नए कोरोना के मामले सामने आए थे। वहीं इस बार ये आंकड़ा 20 फरवरी को ही पार हो गया है। इसको देखते हुए कहा जा सकता है कि पिछले वर्ष की चरम सीमा भी जल्‍द ही सामने आ जाएगी। पिछले वर्ष 1 मई को कोरोना के नए मामलों ने चार लाख का आंकड़ा पार किया था।

यहां पर एक बात ध्‍यान देने वाली ये है कि देश में जब वैक्‍सीन की 156 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं तो इतनी बड़ी तादाद में कोरोना के मामले क्‍यों सामने आ रहे हैं। इसका जवाब विशेषज्ञों के पास है। आगे बढ़ने से पहले आपको ये भी बता दें कि देश में 15-18 वर्ष की आयुवर्ग का भी वैक्‍सीनेशन शुरू हो गया है और बूस्‍टर डोज देने का काम भी शुरू हो चुका है।

आपको बात दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र से लेकर दुनिया के कई विशेषज्ञ इस बात को कह चुके हैं कि भारत में जनवरी और फरवरी के बीच में 5-10 लाख तक कोरोना के मामले सामने आ सकते हैं। विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि इस दौरान कोरोना महामारी का चरम भी भारत में आ जाएगा। हालांकि इस बार जिस संख्‍या में विशेषज्ञ मामलों को लेकर आगाह कर चुके हैं वो जरूरत डराने वाली है।

जिस तरह से मामले देशभर में सामने आ रहे हैं वो इस बात की तरफ भी इशारा कर रहे हैं कि सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी लोग कहीं न कहीं लापरवाही बरत रहे हैं। बाजारों में बढ़ती भीड़ और टूटते नियम इस बात की गवाही भी दे रहे हैं। पीएम नरेन्‍द्र मोदी से लेकर कई दूसरे नेता लगातार लोगों को आगाह करते आ रहे हैं। इसके बाद भी लापरवाही दूसरों पर भारी पड़ रही है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.