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मध्य प्रदेश में लाखों मीट्रिक टन गेहूं बारिश में भीगा, हो सकता है काफी नुकसान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनका नुकसान नहीं होगा और पूरा भुगतान किया जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 09:27 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 09:27 PM (IST)
मध्य प्रदेश में लाखों मीट्रिक टन गेहूं बारिश में भीगा, हो सकता है काफी नुकसान
मध्य प्रदेश में लाखों मीट्रिक टन गेहूं बारिश में भीगा, हो सकता है काफी नुकसान

भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। मध्य प्रदेश में बुधवार रात से शुरू हुई बारिश के कारण उपार्जन केंद्रों में रखा लाखों मीट्रिक टन गेहूं और चना भीग गया है। एक-दो दिन बारिश का सिलसिला और जारी रहा तो उपार्जित अनाज को काफी नुकसान हो सकता है। दरअसल, बंपर खरीदारी के बीच समितियों के पास गेहूं को ढंकने के लिए इंतजाम सीमित हैं। इससे समितियों की मुसीबत बढ़ गई है, क्योंकि जो नुकसान होगा, उसका खामियाजा उन्हें ही भुगतना होगा।

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सीएम ने किसानों को कोई नुकसान नहीं होने देने का आश्‍वासन दिया  

उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्थितियों का जायजा लेने के लिए कमिश्नर और कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाद किया। मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनका नुकसान नहीं होगा और पूरा भुगतान किया जाएगा। प्रदेश में 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी हो चुकी है। 113 लाख मीट्रिक टन गेहूं का सुरक्षित भंडारण कर लिया गया है, लेकिन करीब 12 लाख मीट्रिक टन गेहूं का नहीं। यह खरीदारी केंद्रों पर ही पड़ा हुआ है। कुछ गेहूं तो अभी बोरों में भरा जाना है। इस गेहूं को बारिश से काफी नुकसान होगा। 

यह है नियम 

नियम के मुताबिक,  जब तक गोदामों में सुरक्षित भंडारण नहीं हो जाता, तब तक अनाज समितियों का माना जाता है। ऐसे में जो भी नुकसान होता है वह समितियों को भुगतना पड़ता है। गोदामों में सूखा गेहूं ही जमा होता है। जानकारों की मानें तो शुक्रवार से धूप निकल आती है तो भीगे गेहूं को सूखाकर सुरक्षित किया जा सकता है। जहां प्लेटफार्म में पानी भर गया है और गेहूं पूरी तरह से डूबा हुआ है, उसे नुकसान पहुंचना तय है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कमिश्नर और कलेक्टरों से चर्चा में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 30 जून तक खरीदारी की जाएगी। किसान धैर्य रखें और बारिश में अनाज न लाएं।


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